×

पंजाब सरकार का रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने का नया कदम

पंजाब सरकार ने रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए एक नई स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी की है। इस प्रक्रिया के तहत कॉलोनियों के विकास के लिए लाइसेंस जारी करने की समय सीमा को 60 दिन निर्धारित किया गया है। इससे प्रमोटरों को लाइसेंस प्राप्त करने में होने वाली देरी कम होगी। मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि यह कदम राज्य की अर्थव्यवस्था में रियल एस्टेट के योगदान को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
 

आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग की नई एसओपी


चंडीगढ़ : पंजाब के आवास निर्माण और शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार ने रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए कॉलोनियों के विकास हेतु लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया के लिए एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार किया है।


मुंडियां ने आगे कहा कि इस एसओपी के तहत, आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग ने कॉलोनियों के विकास के लिए लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्णय लिया है। इस प्रक्रिया में मुख्यतः दो चरण शामिल हैं: एलओआई जारी करने (30 दिन) और लाइसेंस जारी करने (30 दिन)। कुल मिलाकर, लाइसेंस जारी करने की समय सीमा 60 दिन निर्धारित की गई है।


लाइसेंस प्रक्रिया में सुधार की आवश्यकता


कैबिनेट मंत्री ने बताया कि पहले लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया काफी जटिल और समय लेने वाली थी, जिससे प्रमोटरों को लाइसेंस प्राप्त करने में देरी होती थी। इस नई एसओपी के माध्यम से, प्रमोटरों को अब आवेदन देने के 60 दिनों के भीतर लाइसेंस प्राप्त होगा।


रियल एस्टेट का आर्थिक महत्व


मुंडियां ने कहा कि मान सरकार ने रियल एस्टेट क्षेत्र के आर्थिक योगदान और रोजगार सृजन में इसकी भूमिका को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए हैं। लाइसेंस प्रक्रिया को सरल बनाने से प्रमोटरों की समस्याएं कम होंगी और राज्य में रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।


इस एसओपी के अनुसार, लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को समयबद्ध किया गया है। सभी संबंधित विभागों को केसों का निपटारा करने के लिए स्पष्ट समयसीमा दी गई है। प्रत्येक कर्मचारी को इस समय सीमा का पालन करना अनिवार्य होगा, और यदि कोई देरी होती है, तो संबंधित कर्मचारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।