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पर्सनल लोन: आपात स्थिति में वित्तीय सहायता का एक विकल्प

पर्सनल लोन, जिसे इमरजेंसी लोन भी कहा जाता है, वित्तीय संकट के समय में एक महत्वपूर्ण विकल्प है। यह असुरक्षित लोन है, जो बिना किसी कठिनाई के प्राप्त किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए उच्च ब्याज दरें चुकानी पड़ती हैं। इस लेख में, हम पर्सनल लोन के प्रकार, ब्याज दरों और इसके लाभों पर चर्चा करेंगे। जानें कि कैसे घटती शेष ब्याज दर आपके लोन की लागत को प्रभावित कर सकती है और आपको सही निर्णय लेने में मदद कर सकती है।
 

पर्सनल लोन की विशेषताएँ

पर्सनल लोन को अक्सर इमरजेंसी लोन के रूप में जाना जाता है। आजकल, आपात स्थितियों में धन जुटाने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन पर्सनल लोन हर परिस्थिति में सहायक साबित होता है। यह एक असुरक्षित ऋण है, जिसके लिए आवेदन प्रक्रिया में अधिक कठिनाई नहीं होती। हालांकि, इसके लिए बैंक उच्च ब्याज दरें वसूलते हैं, और अधिकांश लोग जानते हैं कि पर्सनल लोन महंगे होते हैं।


इस प्रकार के लोन पर ब्याज दो तरीके से लिया जाता है: फ्लैट ब्याज दर और घटती शेष ब्याज दर। यदि आप इन दोनों के बीच का अंतर नहीं समझते हैं, तो आप व्यक्तिगत ऋण के सौदों को गलत तरीके से समझ सकते हैं और सस्ते व्यक्तिगत ऋण के जाल में फंस सकते हैं।


घटती शेष ब्याज दर का अर्थ है कि ग्राहक केवल बकाया ऋण राशि पर ब्याज का भुगतान करेगा। इसका मतलब यह है कि हर महीने का ब्याज केवल बकाया राशि के आधार पर गणना किया जाता है, न कि कुल ऋण के आधार पर। उदाहरण के लिए, यदि आपने पांच साल के लिए 16 प्रतिशत की दर पर 5 लाख रुपये का लोन लिया है, तो जैसे-जैसे महीने बीतेंगे, आपकी ईएमआई भी कम होती जाएगी।