पुडुचेरी में छात्राओं के लिए नया ड्रेस कोड और आरक्षण नीति
छात्राओं के लिए ओवरकोट पहनना अनिवार्य
छात्राओं के लिए नया ड्रेस कोड: पुडुचेरी में सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 12वीं तक पढ़ने वाली लड़कियों के लिए एक नया ड्रेस कोड लागू किया गया है। इस नियम के अनुसार, सभी छात्राओं को स्कूल में ओवरकोट पहनना अनिवार्य होगा। राज्य सरकार का कहना है कि यह कदम छात्राओं की सुरक्षा और गरिमा को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक सी. गवौरी के अनुसार, स्कूल शिक्षा निदेशक ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
ओवरकोट के डिजाइन का पालन
सभी स्कूल निरीक्षण अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ओवरकोट के निर्धारित डिजाइन को अपने अधीनस्थ स्कूलों को भेजें। इसके बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्राएं उसी डिजाइन के अनुसार ओवरकोट पहनकर आएं.
निर्णय का कारण
निर्णय का कारण:
सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय मुख्य रूप से छात्राओं को किसी भी प्रकार की असुविधा या असुरक्षा से बचाने के लिए लिया गया है। इसी साल जनवरी में, शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों के लिए भी कुछ सख्त निर्देश जारी किए थे, जिसमें शाम 6 बजे के बाद एक्स्ट्रा क्लास न लगाने और वीकेंड या सार्वजनिक छुट्टियों पर पढ़ाई न कराने का आदेश शामिल था.
आरक्षण नीति का ऐलान
शिक्षा में समान अवसर के लिए आरक्षण का ऐलान:
पुडुचेरी सरकार ने हाल ही में सरकारी स्कूलों के छात्रों को 10% क्षैतिज आरक्षण देने का नोटिफिकेशन जारी किया है। उच्च शिक्षा विभाग के नोटिफिकेशन के अनुसार, यह नियम सरकारी और निजी वित्तपोषित संस्थानों में सरकारी कोटे के तहत सीटों पर लागू होगा। जिन कोर्सेज में यह आरक्षण मिलेगा, उनमें इंजीनियरिंग, पशु चिकित्सा, कृषि, नर्सिंग, जीव विज्ञान आधारित पैरामेडिकल डिग्री और डिप्लोमा कोर्स, फार्मेसी, कानून, आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स शामिल हैं.
काउंसलिंग प्रक्रिया की शुरुआत
केंद्रीयकृत प्रवेश समिति (CENTAC) अब शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करेगी। इससे सरकारी स्कूलों के छात्रों को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अधिक अवसर मिलने की उम्मीद है.
सुरक्षा और शिक्षा पर ध्यान
सुरक्षा और शिक्षा-दोनों पर फोकस:
पुडुचेरी सरकार के ये कदम दर्शाते हैं कि वह छात्राओं की सुरक्षा और सभी छात्रों के लिए समान शिक्षा के अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है। ओवरकोट का नियम लड़कियों की व्यक्तिगत सुरक्षा और गरिमा को ध्यान में रखते हुए लाया गया है, जबकि आरक्षण नीति से सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में एक मजबूत रास्ता तैयार होगा.