प्रधानमंत्री मोदी की मणिपुर यात्रा: शांति और विकास की अपील
प्रधानमंत्री मोदी का मणिपुर दौरा
इम्फाल। मणिपुर में जातीय हिंसा के 28 महीने बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 13 सितंबर को राज्य का दौरा किया। उन्होंने स्थानीय लोगों से शांति और सद्भाव की स्थापना की अपील की। मोदी ने चुराचांदपुर में हिंसा से प्रभावित लोगों से मुलाकात की और मणिपुरी पहचान को भारत की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। वर्तमान में राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है और विधानसभा निलंबित है।
यह ध्यान देने योग्य है कि मणिपुर में मई 2023 से जातीय हिंसा की शुरुआत हुई थी, जिसमें कुकी और मैती समुदायों के बीच संघर्ष हुआ। इस हिंसा में 250 से अधिक लोगों की जान गई और 50,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने इम्फाल में लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'मणिपुर में किसी भी प्रकार की हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है। हमें राज्य को शांति और विकास की दिशा में आगे बढ़ाना है।' उन्होंने चुराचांदपुर में 7,300 करोड़ और इम्फाल में 1,200 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
मोदी ने चुराचांदपुर में कहा, 'मैं सभी संगठनों से शांति के मार्ग पर आगे बढ़ने की अपील करता हूं। मैं वादा करता हूं, मैं आपके साथ हूं।' उन्होंने राहत शिविरों में जाकर हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की। इम्फाल में अपने संबोधन में उन्होंने कहा, 'मणिपुर की समृद्ध विरासत हजारों वर्ष पुरानी है। यहां की संस्कृति की जड़ें मजबूत हैं। मणिपुर में किसी भी प्रकार की हिंसा हमारे पूर्वजों और भावी पीढ़ियों के लिए अन्याय है। हमें मणिपुर को शांति और विकास के रास्ते पर ले जाना है।' चुराचांदपुर कुकी बहुल पहाड़ी क्षेत्र है, जबकि इम्फाल घाटी का इलाका है और मैती समुदाय का गढ़ है।
मोदी ने अपने भाषण में कहा, 'मणिपुर, मां भारती के मुकुट पर सजा एक रत्न है। हमें मणिपुर की विकासात्मक छवि को मजबूत करना है। मणिपुर में किसी भी प्रकार की हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण है। यह हमारे पूर्वजों और भावी पीढ़ियों के लिए अन्याय है।' उन्होंने कहा, 'मणिपुर में सामर्थ्य की कोई कमी नहीं है। हमें संवाद के रास्ते को मजबूत करना होगा। पहाड़ी और घाटी के लोगों के बीच विश्वास का एक मजबूत पुल बनाना आवश्यक है।' मोदी ने कहा, 'मणिपुर के युवाओं की पहचान को हिंसा की छाया में नहीं डूबने देना चाहिए। मणिपुर आशा और उम्मीद की भूमि है, लेकिन दुर्भाग्य से, हिंसा ने इस क्षेत्र को प्रभावित किया है।'
प्रधानमंत्री ने कहा, 'हाल ही में, मैंने राहत शिविरों में रह रहे प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उनसे मिलने के बाद, मुझे विश्वास है कि मणिपुर में उम्मीद और विश्वास की नई सुबह आ रही है।' मोदी ने कहा, 'किसी भी क्षेत्र में विकास के लिए शांति आवश्यक है। पिछले 11 वर्षों में, पूर्वोत्तर में कई संघर्ष समाप्त हुए हैं। लोगों ने विकास को प्राथमिकता देते हुए शांति का मार्ग चुना है।' उन्होंने आगे कहा, 'मणिपुर में भी समझौता वार्ता शुरू हो गई है। यह संवाद, सम्मान और आपसी समझ के साथ शांति स्थापित करने की सरकार की पहल का एक हिस्सा है।'