×

प्रशांत किशोर ने बिहार चुनाव में हार के बाद अपनी संपत्ति दान की

बिहार विधानसभा चुनाव में हार के बाद, जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने अपनी सभी संपत्तियों को पार्टी को दान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने 24 घंटे का प्रायश्चित उपवास तोड़ते हुए यह ऐलान किया। इसके साथ ही, उन्होंने पार्टी के लिए संसाधनों की आवश्यकता को देखते हुए एक नया अभियान शुरू करने की योजना बनाई है, जिसमें वे महिलाओं से सरकारी योजनाओं के फॉर्म भरवाने का कार्य करेंगे। जानें उनके इस निर्णय के पीछे की सोच और भविष्य की रणनीतियों के बारे में।
 

प्रशांत किशोर का भावनात्मक निर्णय

पटना/चंपारण: बिहार विधानसभा चुनाव में 238 सीटों पर चुनाव लड़ने के बाद जन सुराज पार्टी (JSP) के संस्थापक प्रशांत किशोर ने एक महत्वपूर्ण और भावनात्मक घोषणा की है। चंपारण के गांधी आश्रम में अपनी हार के बाद 24 घंटे का 'प्रायश्चित उपवास' तोड़ते हुए, उन्होंने बताया कि वह अपनी सभी संपत्तियों को पार्टी को समर्पित कर रहे हैं।


संपत्ति का दान और भविष्य की योजनाएं

प्रशांत किशोर ने कहा कि पार्टी के संचालन के लिए संसाधनों की आवश्यकता है। इसलिए, उन्होंने पिछले 20 वर्षों में अर्जित सभी चल-अचल संपत्तियों को जन सुराज पार्टी के नाम करने का निर्णय लिया है, सिवाय दिल्ली में एक घर के। इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी वादा किया है कि अगले 5 वर्षों में अपनी सलाहकारी से होने वाली आय का 90 प्रतिशत हिस्सा पार्टी के फंड में देंगे।


पारदर्शी फंडिंग के लिए अपील

प्रशांत किशोर ने पार्टी की फंडिंग को पारदर्शी और जन-आधारित बनाने के लिए आम जनता से सालाना कम से कम 1,000 रुपये दान करने की अपील की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब से वह केवल उन्हीं लोगों से मिलेंगे जो जन सुराज को इस राशि का सहयोग देंगे।


जन सुराज का नया अभियान

प्रशांत किशोर ने बताया कि 15 जनवरी से पार्टी एक नया अभियान शुरू करेगी, जिसका लक्ष्य राज्य सरकार की 'मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना' होगा। जन सुराज के कार्यकर्ता राज्य के 1 लाख 18 हजार वार्डों में जाकर महिलाओं से योजना का फॉर्म भरवाने का कार्य करेंगे।


सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति

प्रशांत किशोर का कहना है कि चुनाव के समय 10 हजार रुपये देने में कोई शर्त नहीं थी, लेकिन अब अधिकारियों द्वारा 2 लाख रुपये देने पर शर्तें लगाई जा रही हैं। उन्होंने कहा, "हम फॉर्म भरवाकर सरकार पर दबाव बनाएंगे। या तो महिलाओं को वादे के अनुसार 2 लाख रुपये मिलें, या फिर उन्हें यह समझना होगा कि वोट बेचने का क्या परिणाम होता है।"