प्रोटीन सप्लीमेंट्स: क्या ये आपके स्वास्थ्य के लिए सही हैं?
प्रोटीन का महत्व
प्रोटीन हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह हड्डियों, त्वचा, मांसपेशियों और अन्य अंगों के ऊतकों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हमारे जीवन के लिए आवश्यक है, लेकिन इसकी मात्रा हमारे शरीर की जरूरतों के अनुसार होनी चाहिए। हाल के समय में, भारत में प्रोटीन सप्लीमेंट्स की मांग में काफी वृद्धि हुई है, विशेषकर उन युवाओं के बीच जो जिम जाकर मांसपेशियाँ बनाना चाहते हैं।
प्रोटीन सप्लीमेंट्स पर विशेषज्ञों की राय
प्रोटीन सप्लीमेंट्स शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने का एक सरल और प्रभावी तरीका हैं। एथलीटों, जिम जाने वालों और वजन कम करने की कोशिश कर रहे लोगों में इनका सेवन बढ़ रहा है। हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि मांसपेशियों के विकास के लिए अत्यधिक प्रोटीन का सेवन, विशेषकर सोशल मीडिया पर प्रचारित अंधाधुंध तरीके से, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। सक्रिय व्यक्तियों को अपने शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम 1.8 ग्राम से अधिक प्रोटीन नहीं लेना चाहिए।
क्या अधिक प्रोटीन किडनी को नुकसान पहुंचाता है?
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवरंजनी संतोष ने युवाओं में अधिक प्रोटीन के सेवन को लेकर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि कई युवाओं का क्रिएटिनिन स्तर 1.41 या 1.5 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर तक पहुंच रहा है, जिससे उनकी किडनी पर दबाव बढ़ रहा है। यह समस्या तब होती है जब लोग जरूरत से ज्यादा प्रोटीन और प्रोटीन पाउडर का सेवन करते हैं। 1-3 साल की उम्र के बच्चों के लिए, शरीर के वजन के अनुसार 1.05 से 0.85 ग्राम प्रोटीन की सलाह दी जाती है।
क्रिएटिनिन का स्तर और किडनी स्वास्थ्य
क्रिएटिनिन मांसपेशियों के चयापचय का एक अपशिष्ट उत्पाद है। 1.41 या 1.5 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर का स्तर सामान्य से अधिक माना जाता है, जो किडनी पर बढ़ते दबाव का संकेत है। मुंबई के ज़ेन मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. विश्वनाथ बिल्ला के अनुसार, बढ़ा हुआ क्रिएटिनिन स्तर किडनी के लिए चिंताजनक हो सकता है, खासकर उन युवाओं में जो अधिक प्रोटीन का सेवन कर रहे हैं।
प्रोटीन की सही मात्रा
डॉ. प्रसाद ने बताया कि सभी को अपनी जरूरत के अनुसार प्रोटीन लेना चाहिए। शारीरिक रूप से सक्रिय व्यक्तियों के लिए, रोजाना प्रोटीन का सेवन शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम 1.8 ग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए। यह दालों, अंडों, डेयरी उत्पादों, लीन मीट और सूखे मेवों से प्राप्त किया जा सकता है। बच्चों और किशोरों को प्रोटीन पाउडर का उपयोग नहीं करना चाहिए, जब तक कि डॉक्टर की सलाह न हो।
प्राकृतिक प्रोटीन स्रोत
यदि आप अपने शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाना चाहते हैं, तो प्राकृतिक प्रोटीन स्रोतों का सेवन करें। इसके लिए अंडे, मछली, मांस, दूध, दही, पनीर, दाल, छोले, राजमा, बादाम, अखरोट, पिस्ता और बीज जैसे खाद्य पदार्थ शामिल करें। कुछ सब्जियाँ जैसे पालक, ब्रोकली और मशरूम भी प्रोटीन के अच्छे स्रोत हैं और इनमें कई विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।