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फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए छोड़ें ये गलत आदतें

क्या आप गर्भधारण में कठिनाई का सामना कर रही हैं? जानें कि आपकी कुछ आदतें आपकी प्रजनन क्षमता को कैसे प्रभावित कर सकती हैं। सही खान-पान और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से गर्भधारण की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकता है। इस लेख में, डायटीशियन मनप्रीत ने उन आदतों के बारे में बताया है जिन्हें छोड़कर आप अपनी फर्टिलिटी को बढ़ा सकती हैं।
 

प्रेग्नेंसी में मददगार आदतें


क्या आप गर्भधारण में कठिनाई का सामना कर रही हैं? यदि आप लंबे समय से कोशिश कर रही हैं और फिर भी मां नहीं बन पा रही हैं, तो आपकी कुछ आदतें इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं। प्रेग्नेंट होने के लिए सही खान-पान और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना आवश्यक है। यदि आपका आहार संतुलित नहीं है और जीवनशैली भी अस्वस्थ है, तो इसका सीधा प्रभाव आपकी प्रजनन क्षमता और अंडाणु की गुणवत्ता पर पड़ता है। इन आदतों में बदलाव लाने से गर्भधारण की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकता है। इस विषय पर जानकारी दे रही हैं डायटीशियन मनप्रीत, जिन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन में मास्टर्स किया है और वे हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।


फर्टिलिटी को नुकसान पहुंचाने वाली आदतें

यदि आपकी डाइट में प्रोटीन की मात्रा कम है, तो यह आपकी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है। इससे इंसुलिन सेंसिटिविटी में कमी आती है, जो अंडाणु और शुक्राणु की गुणवत्ता को प्रभावित करती है। प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रोटीन युक्त आहार लेना चाहिए।


अत्यधिक प्रोसेस्ड फूड का सेवन भी प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, क्योंकि इनमें ट्रांस फैट और शुगर की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर में सूजन को बढ़ा सकती है।


सोने से पहले मोबाइल का अधिक उपयोग करने से शरीर में हैप्पी हार्मोन मेलोटोनिन की कमी हो सकती है, जिससे मासिक धर्म चक्र प्रभावित होता है।


लंबे समय तक बैठे रहना और व्यायाम न करना भी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे हार्मोन असंतुलन होता है और ओवुलेशन में बाधा आती है।


तनाव भी गर्भधारण में कठिनाई का कारण बन सकता है, क्योंकि यह अंडाणु की गुणवत्ता को प्रभावित करता है और पीरियड्स को अनियमित कर सकता है।


भावनात्मक खाने से शरीर में एंड्रोजन और एस्ट्रोजेन का स्तर प्रभावित होता है, जिससे महिलाओं के लिए गर्भवती होना कठिन हो जाता है।


प्लास्टिक के कंटेनरों में खाना खाने से एंडोक्राइन सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है।


रेडी-टू-ईट मील का सेवन भी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है, क्योंकि इनमें सोडियम, प्रिजर्वेटिव और अस्वास्थ्यकर वसा होती है। अत्यधिक कैफीन का सेवन भी कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकता है, जिससे प्रजनन अंगों में रक्त प्रवाह कम हो सकता है।