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बच्चों के गुस्से और ज़िद को कम करने के प्रभावी तरीके

बच्चों के गुस्से और ज़िद को नियंत्रित करना माता-पिता के लिए एक चुनौती बन गया है। आज के बच्चे अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में सक्षम होते हैं, लेकिन कभी-कभी यह गुस्से और ज़िद के रूप में प्रकट होता है। इस लेख में, हम कुछ सरल और प्रभावी उपायों पर चर्चा करेंगे, जो माता-पिता को अपने बच्चों के गुस्से और ज़िद को कम करने में मदद कर सकते हैं। जानें कैसे आप अपने बच्चे के साथ एक मजबूत भावनात्मक संबंध बना सकते हैं और उनकी भावनाओं को समझ सकते हैं।
 

बच्चों के गुस्से और ज़िद को समझना


आजकल, कई माता-पिता की सबसे बड़ी चिंता यह है कि उनके बच्चे उनकी बात नहीं सुनते, अक्सर गुस्सा हो जाते हैं और ज़िद करते हैं। बच्चों को संभालना पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है। पहले बच्चे डर और अनुशासन से प्रेरित होते थे, लेकिन अब वे अपनी बात कहने, सवाल पूछने और अपनी राय व्यक्त करने के लिए उत्सुक रहते हैं। जब बच्चे ज़िद्दी या चिड़चिड़े हो जाते हैं, तो माता-पिता को समझ नहीं आता कि उन्हें कैसे संभालें। हालांकि, कुछ समझदारी भरे उपायों से बच्चों के गुस्से और ज़िद को धीरे-धीरे कम किया जा सकता है। आइए, जानते हैं बच्चों में बढ़ती चिड़चिड़ापन और गुस्से को कम करने के कुछ विशेष तरीके।


बच्चों में गुस्सा और ज़िद का कारण

जब बच्चे अपनी भावनाओं को ठीक से व्यक्त नहीं कर पाते, तो वे गुस्से या ज़िद के रूप में प्रतिक्रिया देते हैं। इसके अलावा, जब माता-पिता अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त होते हैं और बच्चों को समय नहीं दे पाते, तो बच्चे ध्यान आकर्षित करने के लिए ज़िद्दी हो जाते हैं। मोबाइल, टैबलेट और टीवी का अत्यधिक उपयोग बच्चों की समझ को प्रभावित करता है, जिससे वे छोटी-छोटी बातों पर भी गुस्सा हो जाते हैं। यदि बच्चों की इच्छाओं को बार-बार नजरअंदाज किया जाए या उन्हें हर छोटी बात पर डांटा जाए, तो उनका गुस्सा और बढ़ जाता है।


बच्चों के गुस्से और ज़िद को कम करने के सरल उपाय

आज की पीढ़ी के बच्चे, जैसे कि जेन ज़ेड और जेन अल्फा, बेहद समझदार होते हैं। वे अपनी राय खुद बनाते हैं और उसे मानने से पहले तर्क को समझना चाहते हैं। इसलिए, उन्हें नियंत्रित करने के बजाय, उनके साथ एक भावनात्मक संबंध बनाना आवश्यक है। जब आप अपने बच्चे के साथ दोस्ताना रिश्ता बनाते हैं, तो वे स्वाभाविक रूप से आपकी बात सुनेंगे। यहाँ कुछ सरल उपाय दिए गए हैं जो बच्चों के गुस्से और ज़िद को कम कर सकते हैं:


1. बिना किसी सलाह के रोज़ाना 15 मिनट अपने बच्चों से बात करें। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आप रोज़ाना सिर्फ़ 15 मिनट अपने बच्चे के साथ बिताएँ, बिना उसे सिखाए या डाँटे, और बस उसकी बात सुनें, तो आपका बच्चा धीरे-धीरे शांत और समझदार होता जाएगा।


2. अपने बच्चे की भावनाओं को समझें और उन्हें जज न करें। जब आपका बच्चा गुस्से में हो या रो रहा हो, तो उसे तुरंत शांत करने की कोशिश न करें। पहले उसे स्थिति समझने के लिए कहें, और फिर कहें, "चलो बात करते हैं।"


3. अपने बच्चे को उसकी गलतियों के लिए डाँटें नहीं; उसे सिखाएँ। यदि वह गलती करता है, तो उसे डाँटने के बजाय, उसकी गलती के बारे में उससे बात करें और अगली बार वह क्या बेहतर कर सकता है, इस पर चर्चा करें। इससे उसे लगेगा कि आप उसके मार्गदर्शक हैं।


4. एक दिनचर्या बनाएं और उसे सिखाएँ कि हर चीज़ का एक समय होता है। उसे समझाएँ कि खाने, खेलने, पढ़ाई करने और मोबाइल इस्तेमाल करने का एक निश्चित समय होता है। एक निश्चित दिनचर्या बच्चों को संतुलित रखने और उन्हें ज़्यादा ध्यान केंद्रित करने में मदद करती है।


5. बच्चों के साथ भावनात्मक शब्दों का प्रयोग करें। "तुम हमेशा ऐसा करते हो" जैसे शब्दों का प्रयोग करने से बचें। इसके बजाय, अपने बच्चों से कहें, "मुझे अच्छा नहीं लगता जब तुम ऐसी बातें कहते हो। क्या हम इसे ठीक कर सकते हैं?"