बिहार के मधुरेंद्र कुमार का नाम लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज
बिहार के लाल की अद्भुत उपलब्धि
बिहार के चंपारण जिले के मधुरेंद्र कुमार ने अपनी मेहनत और आत्मविश्वास से एक नई मिसाल कायम की है। यह युवा सैंड आर्टिस्ट, जो पूर्वी चंपारण के बिजबनी गांव से हैं, ने महज 31 वर्ष की आयु में कला के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। उन्हें लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है, जिससे उन्होंने वैश्विक स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है।
लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सम्मान
मधुरेंद्र कुमार को यह सम्मान ब्रिटिश संसद में आयोजित एक समारोह के दौरान दिया गया। इस अवसर पर लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अविनाश डी. सकुंडे और यूरोपीय संघ के प्रमुख डॉ. इवान गैसीना ने उन्हें प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह और मैडल प्रदान किया।
सामाजिक जागरूकता के लिए प्रेरणा
डॉ. अविनाश डी. सकुंडे ने कहा कि मधुरेंद्र ने रेत और पत्तियों की कला के माध्यम से सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनका नाम लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रमाणन संख्या: LBOWRE401990 में शामिल किया गया है।
यूरोपीय संघ के प्रमुख की बधाई
डॉ. इवान गैसीना ने मधुरेंद्र की कला की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने 5000 से अधिक कलात्मक रचनाओं के माध्यम से समाज को सकारात्मक संदेश दिया है। उन्होंने मधुरेंद्र को इस उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई दी।
भारत के लिए गर्व का क्षण
मधुरेंद्र कुमार का नाम लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए जून 2025 के सर्वे में चयनित किया गया, जिसमें उन्हें 95% अप्रूवल रेटिंग मिली। यह सर्वे कई देशों में किया गया था, और उन्होंने वैश्विक कलाकारों की सूची में शीर्ष स्थान प्राप्त किया।
सोशल मीडिया पर बधाइयों की बौछार
इस उपलब्धि पर भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के राज्य मंत्री रामदास बंडु आठवले ने भी मधुरेंद्र को बधाई दी। उनके इस सम्मान के लिए मधुरेंद्र ने लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम का आभार व्यक्त किया।