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भारत का खाद्य और पैकेजिंग उद्योग: वैश्विक मंच पर नई संभावनाएं

ग्रेटर नोएडा में आयोजित एफआई इंडिया और प्रोपैक इंडिया एक्सपो में 50 से अधिक देशों के विशेषज्ञ एकत्र हुए हैं। इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी में खाद्य प्रसंस्करण और पैकेजिंग उद्योग की नई संभावनाओं पर चर्चा की जा रही है। भारतीय खाद्य उद्योग में नवाचार और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के चलते तेजी से बदलाव आ रहा है। भारत का फूड इंग्रीडिएंट मार्केट 8-9 बिलियन डॉलर का है और यह लगातार बढ़ रहा है। जानें कैसे भारत वैश्विक खाद्य और पैकेजिंग हब बनने की दिशा में अग्रसर है।
 

ग्रेटर नोएडा में खाद्य प्रदर्शनी का आयोजन

Greater Noida News: ग्रेटर नोएडा के नाॅलेज पार्क में स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में एफआई इंडिया के 19वें संस्करण और प्रोपैक इंडिया एक्सपो के 7वें संस्करण की शुरुआत बुधवार को हुई। इस आयोजन में 50 से अधिक देशों से 15,000 से ज्यादा पेशेवर और 340 से अधिक प्रदर्शक शामिल हो रहे हैं। यह एक्सपो तीन दिनों तक चलेगा। यहां खाद्य सामग्री, प्रसंस्करण, पैकेजिंग और सप्लाई चेन से जुड़े वैश्विक और भारतीय स्टेकहोल्डर एकत्र होकर भविष्य की खाद्य प्रणाली पर चर्चा कर रहे हैं।


नवाचार और सहयोग पर जोर

नवाचार और सहयोग पर रहा जोर
इन्फॉर्मा मार्केट्स के एमडी योगेश मुद्रास ने बताया कि भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। ग्राहकों की बदलती आवश्यकताएं, स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता और जैविक विकल्पों की मांग इस उद्योग को तेजी से आगे बढ़ा रही है।


भारत का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र

7.7 फीसद विनिर्माण उत्पादन
भारत का खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र कुल विनिर्माण उत्पादन का 7.7 प्रतिशत है, जिसमें 70 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलता है। इस आयोजन से खाद्य उद्योग में नए निवेश, साझेदारियों और उच्च मूल्य की सोर्सिंग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।


भारत का फूड इंग्रीडिएंट मार्केट

भारत का मार्केट 9 बिलियन डाॅलर
डॉ. प्रबोध हल्दे ने कहा कि भारत का फूड इंग्रीडिएंट मार्केट लगभग 8-9 बिलियन डॉलर का है और यह लगातार बढ़ रहा है। आयुर्वेद, ऑर्गेनिक और हर्बल उत्पादों का इसमें सबसे अधिक योगदान है। बासमती, अचार और हल्दी जैसे उत्पादों की वैश्विक मांग तेजी से बढ़ रही है।


भारत का वैश्विक खाद्य और पैकेजिंग हब बनने का सफर

भारत बन रहा है वैश्विक खाद्य और पैकेजिंग हब
एमडी सुमन प्रोजेक्ट कंसल्टेंट्स सागर कुराडे ने कहा कि भारत अब वैश्विक खाद्य घटक और पैकेजिंग केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है। किफायती श्रम, आधुनिक तकनीक और मजबूत उत्पादन आधार के कारण भारत इस क्षेत्र में चीन को भी चुनौती दे सकता है।