भारत में 20 साल पुरानी गाड़ियों के लिए रिन्यूअल फीस में भारी बढ़ोतरी
20 साल पुरानी गाड़ियों के रिन्यूअल शुल्क में वृद्धि
भारत में पुरानी गाड़ियों के मालिकों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव सामने आया है। परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सेंट्रल मोटर व्हीकल्स (थर्ड अमेंडमेंट) रूल्स 2025 के तहत 20 साल से अधिक पुरानी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल शुल्क को लगभग दोगुना कर दिया है। यह निर्णय उन लोगों पर सीधा प्रभाव डालेगा जो अब भी पुरानी गाड़ियों का उपयोग कर रहे हैं।
सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है: सड़कों से प्रदूषण फैलाने वाली और असुरक्षित पुरानी गाड़ियों को हटाना और उनकी जगह नई, पर्यावरण-अनुकूल गाड़ियों को लाना। बढ़ी हुई फीस गाड़ी मालिकों को यह सोचने पर मजबूर करेगी कि वे पुरानी गाड़ी को रखे या स्क्रैप पॉलिसी का लाभ उठाकर नई गाड़ी खरीदें।
फीस में कितनी वृद्धि हुई है?
नई व्यवस्था के अनुसार, अब मोटरसाइकिल की रिन्यूअल फीस ₹2,000 हो गई है, जो पहले ₹1,000 थी। थ्री-व्हीलर या क्वाड्रिसाइकिल के लिए यह शुल्क ₹5,000 (पहले ₹3,500) और लाइट मोटर व्हीकल पर ₹10,000 (पहले ₹5,000) होगा।
इंपोर्टेड टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर की फीस अब ₹20,000 है, जबकि इंपोर्टेड कार या बड़े वाहन के लिए यह ₹80,000 हो गई है, जो पहले ₹40,000 थी। बड़े वाहनों के लिए ₹12,000 का शुल्क लगेगा। ध्यान दें कि इन आंकड़ों में GST शामिल नहीं है।
यह कदम क्यों उठाया गया?
सरकार का मानना है कि पुरानी गाड़ियां अधिक प्रदूषण फैलाती हैं और सड़क सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करती हैं। इसी कारण इन्हें स्क्रैप पॉलिसी से जोड़ा गया है ताकि धीरे-धीरे इन गाड़ियों को सड़कों से हटाया जा सके।
वाहन मालिकों के लिए विकल्प
- गाड़ी मालिकों के पास अब दो विकल्प हैं;
- भारी शुल्क का भुगतान करके गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रिन्यू कराएं।
- या फिर स्क्रैप पॉलिसी का लाभ उठाते हुए पुरानी गाड़ी बेचकर नई गाड़ी खरीदें।
- यह कदम दर्शाता है कि सरकार आने वाले वर्षों में "ग्रीन और क्लीन मोबिलिटी" की दिशा में तेजी से बढ़ रही है.