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भारत में बढ़ता 'स्वदेशी लग्जरी वेडिंग' ट्रेंड

भारत में शादी का ट्रेंड तेजी से बदल रहा है, जहां लोग अब विदेशों की बजाय स्वदेशी लग्जरी वेडिंग को प्राथमिकता दे रहे हैं। होटल व्यवसायी संजीव नंदा के अनुसार, युवा अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ाव महसूस कर रहे हैं। भारत में अद्भुत लोकेशन्स जैसे राजस्थान, गोवा और केरल अब शादी के लिए लोकप्रिय डेस्टिनेशन बन गए हैं। यह ट्रेंड न केवल व्यक्तिगत खुशी का प्रतीक है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करता है। जानें इस नए चलन के पीछे की सोच और इसके लाभ।
 

स्वदेशी लग्जरी वेडिंग का नया ट्रेंड

भारत में एक समय था जब विदेश में शादी करना अमीर परिवारों के लिए एक स्टेटस सिंबल माना जाता था। लेकिन अब यह परिप्रेक्ष्य बदल रहा है। प्रसिद्ध होटल व्यवसायी संजीव नंदा के अनुसार, अब एक नया और शानदार ट्रेंड उभर रहा है - "स्वदेशी लग्जरी वेडिंग"। लोग अब अपनी भव्य भारतीय शादियों के लिए दुबई, इटली या थाईलैंड की बजाय भारत की खूबसूरत जगहों को प्राथमिकता दे रहे हैं।


संजीव नंदा, जो कई लग्जरी होटलों के मालिक हैं, बताते हैं कि यह बदलाव केवल दिखावे का नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक गहरी सोच है।


क्यों बन रहा है 'स्वदेशी वेडिंग' ट्रेंड की पहली पसंद?


संस्कृति से जुड़ाव: आज का युवा अपनी जड़ों और परंपराओं से अधिक जुड़ा हुआ महसूस कर रहा है। वे अपनी शादियों में भारतीय संस्कृति, रस्मों-रिवाजों और पारंपरिक संगीत का असली अनुभव चाहते हैं, जो भारत में ही सबसे बेहतर तरीके से मिल सकता है।


भारत में हैं अद्भुत लोकेशन: संजीव नंदा कहते हैं, "भारत में एक से बढ़कर एक खूबसूरत जगहें हैं। राजस्थान के महलों से लेकर गोवा के समुद्र तटों और केरल के हरे-भरे बैकवॉटर्स तक, हमारे पास हर तरह की थीम और माहौल के लिए परफेक्ट लोकेशन है।" उदयपुर, जयपुर, जैसलमेर, गोवा और केरल आजकल सबसे लोकप्रिय वेडिंग डेस्टिनेशन बन गए हैं।


अर्थव्यवस्था को मिलता है सहारा: जब भारत में शादियाँ होती हैं, तो इसका सीधा लाभ देश की अर्थव्यवस्था को होता है। कैटरर्स, डेकोरेटर, म्यूजिशियन और छोटे कारीगरों को काम मिलता है और पैसा देश में ही रहता है।


लॉजिस्टिक्स में आसानी: अपने देश में शादी आयोजित करना मेहमानों और आयोजकों दोनों के लिए अधिक सुविधाजनक होता है। वीज़ा या पासपोर्ट की कोई समस्या नहीं होती और यात्रा भी सरल होती है।


यह सिर्फ एक शादी नहीं, बल्कि एक आंदोलन है।


संजीव नंदा इस ट्रेंड को 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान का एक सुंदर रूप मानते हैं। उनका कहना है कि यह देखकर गर्व होता है कि लोग अब अपने देश की खूबसूरती और विरासत को पहचान रहे हैं। यह ट्रेंड साबित करता है कि शाही और यादगार शादी के लिए दुनिया के किसी अन्य कोने में जाने की आवश्यकता नहीं है, वह सब कुछ हमारी अपनी मिट्टी में ही मौजूद है।