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भारतीय रेलवे का नया ऑटो अपग्रेडेशन विकल्प: यात्रा को बनाएं और भी आरामदायक

भारतीय रेलवे ने यात्रियों के लिए एक नई सुविधा पेश की है, जिसमें ऑटो अपग्रेडेशन का विकल्प शामिल है। अब यात्री बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अपने टिकट को अपग्रेड कर सकते हैं। यह सेवा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध है। जानें इस नई योजना के बारे में और कैसे आप इसका लाभ उठा सकते हैं।
 

भारतीय रेलवे का नया कदम


भारत में रेल परिवहन सबसे लोकप्रिय साधन है, लेकिन कई बार यात्रियों को अपनी पसंद के डिब्बे में टिकट नहीं मिल पाता। ऐसे में समझौता करना पड़ता है। अब भारतीय रेलवे ने एक नई योजना पेश की है, जिसमें यात्रियों को ऑटो अपग्रेडेशन का विकल्प दिया जाएगा। इस सेवा के तहत यात्री अपने टिकट की श्रेणी को अपग्रेड कर सकेंगे। उदाहरण के लिए, यदि किसी ने स्लीपर क्लास का टिकट लिया है, तो उसे बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के थर्ड एसी में अपग्रेड किया जा सकता है। यह सुविधा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध होगी।


ऑटो अपग्रेड की विशेषताएँ

ऑटो अपग्रेड में, यदि थर्ड एसी, सेकेंड एसी और एसी फर्स्ट कोच में सीटें उपलब्ध हैं, तो यात्री अपनी सुविधा के अनुसार अपग्रेड कर सकते हैं। यह सेवा निःशुल्क और शुल्क के साथ भी उपलब्ध है। यदि आप पहले से यात्रा कर रहे हैं और टिकट अपग्रेड करना चाहते हैं, तो आपको शुल्क देना होगा। लेकिन यदि आप टिकट बुक करते समय ऑटो अपग्रेड का विकल्प चुनते हैं, तो आप इसे मुफ्त में अपग्रेड कर सकते हैं। ध्यान रहे कि सीट अपग्रेड केवल तब होगी जब ट्रेन में सीटें खाली हों।


इतिहास और उपलब्धता

भारतीय रेलवे ने 2006 में ऑटो अपग्रेडेशन योजना की शुरुआत की थी। यात्रियों को आरक्षण फॉर्म के शीर्ष पर एक ऑटो अपग्रेड विकल्प दिया जाता है। यह सुविधा आईआरसीटीसी ऐप और ऑनलाइन पोर्टल पर भी उपलब्ध है। रेलवे चार्ट बनने के बाद टिकट अपग्रेड करने पर विचार करता है।