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मध्य प्रदेश के शीर्ष स्कूल: शिक्षा और संस्कृति का संगम

मध्य प्रदेश में कई प्रतिष्ठित विद्यालय हैं जो उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करते हैं। ग्वालियर का सिंधिया स्कूल, इंदौर का डेली कॉलेज, और भोपाल का दिल्ली पब्लिक स्कूल जैसे विद्यालय न केवल शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए जाने जाते हैं, बल्कि खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में भी सक्रिय हैं। इस लेख में हम इन विद्यालयों की विशेषताओं, फीस और उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली शिक्षा के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
 

मध्य प्रदेश के प्रमुख विद्यालय

मध्य प्रदेश के शीर्ष विद्यालय: ग्वालियर का सिंधिया स्कूल, जिसे 1897 में महाराजा माधो राव सिंधिया ने स्थापित किया था, न केवल मध्य प्रदेश में बल्कि पूरे भारत में सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों में से एक माना जाता है। यह विद्यालय अपनी समृद्ध विरासत, अनुशासन और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है। यहां से कई प्रसिद्ध हस्तियां जैसे अभिनेता सलमान खान, फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप और एयर चीफ मार्शल पीसी लाल शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। इस विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों पर भी जोर दिया जाता है। यहां की वार्षिक फीस लगभग 12-13 लाख रुपये है.


1882 में स्थापित इंदौर का डेली कॉलेज भारत के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित विद्यालयों में से एक है। यह सीबीएसई और कैम्ब्रिज इंटरनेशनल एग्जामिनेशन (CIE) से संबद्ध है। इस विद्यालय से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और विधायक लक्ष्मण सिंह जैसे प्रमुख व्यक्ति निकले हैं। अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा और आधुनिक सुविधाओं के कारण यह विद्यालय माता-पिता की पहली पसंद बन गया है। इसकी फीस लगभग 8 लाख रुपये तक है.


भोपाल का दिल्ली पब्लिक स्कूल (DPS)


2000 में श्री गुरुदेव गुप्ता द्वारा स्थापित दिल्ली पब्लिक स्कूल भोपाल, प्रदेश के सबसे आधुनिक और प्रतिष्ठित विद्यालयों में से एक है। यहां 7000 से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। डीपीएस भोपाल छात्रों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित करता है और पढ़ाई के साथ-साथ खेल, संगीत और कला जैसी गतिविधियों को भी समान महत्व देता है। इसकी फीस लाखों में होने के बावजूद यह माता-पिता की पहली पसंद है.


इंदौर का शिशु कुंज इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, शिशु कुंज एजुकेशनल सोसाइटी द्वारा संचालित है। इसे सीबीएसई की मान्यता प्राप्त है और इसे ब्रिटिश काउंसिल से इंटरनेशनल स्कूल अवार्ड भी मिल चुका है। यहां बच्चों को वैश्विक स्तर की शिक्षा और अनुभव प्रदान किया जाता है। फीस लाखों में होने के बावजूद यह विद्यालय अपनी गुणवत्ता के कारण अत्यधिक लोकप्रिय है.


क्राइस्ट चर्च बॉयज सीनियर सेकेंडरी स्कूल, जबलपुर


1870 में एक चर्च स्कूल के रूप में स्थापित क्राइस्ट चर्च आज सीबीएसई से संबद्ध है और लगभग 3000 छात्र यहां पढ़ाई कर रहे हैं। यह विद्यालय अपेक्षाकृत किफायती फीस में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है, जिससे मध्यम वर्गीय परिवार भी अपने बच्चों को यहां भेज सकते हैं। शिक्षा के साथ-साथ अनुशासन और नैतिक मूल्यों पर इसका विशेष ध्यान रहता है.