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महिलाओं को आचार और चटनी बनाने का प्रशिक्षण: आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम

जींद के गांव आलन जोगी खेड़ा में महिलाओं को आचार और चटनी बनाने का चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना है। मुख्य अतिथि रोहताश शर्मा ने इस पहल की सराहना की और महिलाओं को प्रमाण पत्र वितरित किए। प्रशिक्षण के बाद, महिलाएं एमएसएमई के तहत ऋण प्राप्त कर सकती हैं, जिससे उन्हें आर्थिक सहायता मिलेगी।
 

महिलाओं के लिए प्रशिक्षण का समापन


  • महिलाओं का आत्मनिर्भर होना आवश्यक: रोहताश शर्मा


जींद। गांव आलन जोगी खेड़ा में उद्यान विभाग द्वारा डा. मांगेराम के नेतृत्व में डा. अमित लोहान ने महिलाओं के लिए चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में आचार, मुरब्बा, चटनी और फल-सब्जियों के निर्माण की विधियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। मुख्य अतिथि पिल्लूखेड़ा मार्केट कमेटी के चेयरमैन रोहताश शर्मा ने महिलाओं को प्रमाण पत्र वितरित किए। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए महिलाओं का आत्मनिर्भर होना अत्यंत आवश्यक है।


महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम


इस प्रकार के प्रशिक्षण से महिलाएं स्वावलंबी बनेंगी, जो आत्मनिर्भर भारत और महिला सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रशिक्षण के बाद, महिलाएं एमएसएमई के तहत स्वरोजगार स्थापित करने के लिए ऋण प्राप्त कर सकती हैं। प्रमाण पत्र मिलने के बाद, महिलाएं किसी भी बैंक में महिला विकास निगम के माध्यम से आवेदन कर सकती हैं, जिससे उन्हें आर्थिक सहायता मिलेगी। इस अवसर पर राजेश आलन जोगी खेड़ा, महिपाल आलन जोगी खेड़ा, मनीष जामनी, पवन आदि उपस्थित थे।