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मूमल और महेंद्र की अमर प्रेम कहानी: लोद्रवा के रहस्यमय मंदिर की दास्तान

राजस्थान के जैसलमेर में स्थित लोद्रवा की प्राचीन प्रेम कहानी मूमल और महेंद्र की दास्तान है। यह कहानी न केवल प्रेम और वियोग की है, बल्कि रहस्यमय मंदिर और उसके गुप्त रास्तों से भी भरी हुई है। जानें कैसे महेंद्र ने मूमल के दिल को जीतने की कोशिश की और कैसे एक गलतफहमी ने उनकी प्रेम कहानी का दुखद अंत किया। इस अद्भुत प्रेम कहानी के बारे में और जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
 

लोद्रवा का ऐतिहासिक महत्व


राजस्थान के जैसलमेर में स्थित प्राचीन नगरी लोद्रवा, काक नदी के किनारे मूमल के मंदिर के अवशेषों के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर मूमल और महेंद्र की अमर प्रेम कहानी का गवाह है। महेंद्र, जो अमरकोट से मीलों दूर रेगिस्तान पार कर मूमल से मिलने आते थे, इस स्थान की ऐतिहासिकता को और बढ़ाते हैं। लोद्रवा, जो कभी थार के मरुद्यान के रूप में जाना जाता था, आज भी मूमल के मंदिर के खंडहरों को समेटे हुए है।


यह मंदिर एक स्तंभ के आकार में निर्मित था, जिसे 'इक्थंभिया' महल कहा जाता है। 'मेड़ी' महल का ऊपरी कक्ष जालीदार खिड़कियों से सुसज्जित था, जहां मूमल निवास करती थीं। इस मंदिर में कई रहस्यमय तत्व थे, जिनमें जहरीले जीव और गुप्त रास्ते शामिल थे।


मूमल का प्रण और महेंद्र की खोज

<a href=https://youtube.com/embed/zWoxsqEDzNY?autoplay=1&mute=1><img src=https://img.youtube.com/vi/zWoxsqEDzNY/hqdefault.jpg alt=""><span><div class="youtube_play"></div></span></a>" style="border: 0px; overflow: hidden" title="Mahendra Mumal Love Story | विश्व की सबसे सुंदर राजकुमारी मूमल की अधूरी प्रेमकहानी। महेंद्र-मूमल" width="695">


मूमल ने यह प्रण लिया था कि वह केवल उसी व्यक्ति से विवाह करेंगी जो उसके रहस्यों को जानकर उसे प्रभावित करेगा। उनकी सुंदरता की चर्चा दूर-दूर तक फैली थी, जिससे कई राजकुमार और वीर पुरुष उनके मंदिर तक पहुंचे, लेकिन कोई भी उनके रहस्य को जानने में सफल नहीं हो सका।


एक दिन, महेंद्र, जो अमरकोट के राणा का पुत्र था, शिकार करते हुए काक नदी के पास पहुंचा। वहां उसे एक सुंदर बगीचा और जालीदार मंदिर दिखाई दिया। उसकी सहेली ने उसे बताया कि यह मंदिर मूमल का है, जो अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।


महेंद्र और मूमल की पहली मुलाकात

महेंद्र ने मूमल से मिलने का वादा किया और दोनों के बीच प्यार की शुरुआत हुई। महेंद्र ने मूमल से कहा कि वह फिर से लौटेगा। लेकिन जब वह वापस गया, तो उसकी पत्नियों ने उसे रोकने के लिए चीतल ऊंट की टांगें तोड़ दीं।


महेंद्र जब लोद्रवा पहुंचा, तो मूमल उसका इंतजार करते-करते सो गई थी। मूमल की बहन सुमल ने पुरुषों के कपड़े पहन रखे थे और वह मूमल के बिस्तर पर सो गई। महेंद्र ने यह दृश्य देखा और लौट गया।


वियोग और अंत

मूमल ने महेंद्र के बिना जीने का संकल्प लिया और उसकी याद में अपने आप को संवारना छोड़ दिया। उसने महेंद्र को कई पत्र लिखे, लेकिन उसकी पत्नियों ने उन्हें नहीं पहुंचने दिया। अंततः मूमल ने एक गायक को भेजा, लेकिन महेंद्र का दिल नहीं पिघला।


जब मूमल ने अमरकोट जाने का निर्णय लिया, तो महेंद्र ने उसे संदेश भेजा कि वह उससे मिलने आएगा। लेकिन महेंद्र ने मूमल की परीक्षा लेने का निर्णय लिया और झूठा संदेश भेजा कि वह मर गया है। यह सुनकर मूमल ने अपने प्राण त्याग दिए। इस तरह, एक शक के चलते उनकी प्रेम कहानी का दुखद अंत हुआ।