मेरठ के रतन सिंह: फूलों की खेती से बदल दी जिंदगी
फूलों की खेती की प्रेरणा
फूलों की खेती के टिप्स: मेरठ के रतन सिंह ने गन्ना बेल्ट में फूलों की खेती कर एक नई मिसाल पेश की है। उनकी खेती की खुशबू अब पूरे देश में फैल रही है। रतन न केवल खुद अच्छी कमाई कर रहे हैं, बल्कि अपने खेत से 15 से 20 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं। उन्होंने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि फूलों की खेती ने उनकी जिंदगी को कैसे बदल दिया।
गन्ना बेल्ट में फूलों की खेती
मेरठ, जो कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गन्ने की खेती के लिए जाना जाता है, अब यहां के किसान नई खेती के तरीकों को अपनाने लगे हैं। इससे उनकी आमदनी में वृद्धि हो रही है और रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। पीपली खेड़ा गांव इस बदलाव का एक बेहतरीन उदाहरण है।
रतन सिंह की फूलों की खेती
रतन सिंह, जो पहले गुलाब की कटिंग से पौधे तैयार करते थे, अब खुद फूल उगाने में सफल हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि 20 साल पहले वे केवल 5 बीघा में फूलों की खेती करते थे, लेकिन अब बढ़ती मांग के चलते उन्होंने 60 बीघा में फूल उगाना शुरू कर दिया है।
उनकी फसलों में शामिल हैं:
रजनीगंधा, ग्लेडियोलस, गुलदाउदी, गुलदावरी और कई विदेशी वैरायटी। इनसे वे सालाना 10 लाख रुपये से अधिक का टर्नओवर प्राप्त करते हैं, जिसमें कर्मचारियों के वेतन का खर्च भी शामिल है।
किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत
रतन सिंह न केवल अपनी सफलता का आनंद ले रहे हैं, बल्कि अन्य किसानों को भी फूलों की खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं। वे उन्हें मंडियों तक पहुंचने में मदद करते हैं और बताते हैं कि फूलों को दिल्ली और गाजीपुर मार्केट तक कैसे पहुंचाया जाए।
उनका अनुभव
रतन का कहना है, “गन्ने की खेती में समस्याएं अधिक हैं और भुगतान में देरी होती है, जबकि फूलों की खेती में तुरंत लाभ मिलता है।”