योगी आदित्यनाथ ने युवाओं के लिए न्यूनतम वेतन की गारंटी का किया ऐलान
मुख्यमंत्री का रोजगार महाकुंभ में संबोधन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य में काम करने वाले सभी युवाओं को न्यूनतम वेतन की गारंटी दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी कंपनी या नियोक्ता अपने कर्मचारियों का शोषण नहीं कर सकेगा। नियुक्ति देने वाली कंपनियों को अपने कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करना होगा, जबकि अतिरिक्त चार्जेज की जिम्मेदारी सरकार लेगी। यह व्यवस्था युवाओं को सम्मानजनक रोजगार और उनके अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करेगी।
लखनऊ में आयोजित तीन दिवसीय ‘रोजगार महाकुंभ 2025’ का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन रहा है, जहां हर युवा को न्यूनतम मजदूरी और वेतन की गारंटी दी जा रही है। उन्होंने युवाओं को ऊर्जा का स्रोत बताते हुए कहा कि राज्य की युवा आबादी प्रदेश के लिए एक सौभाग्य है। आज यूपी की प्रतिभाओं की मांग देश और विदेश में बढ़ रही है।
सीएम ने कहा कि पहले पूरा गांव रोजगार के लिए पलायन करता था, लेकिन अब उत्तर प्रदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। यह बदलाव पिछले 8 वर्षों में किए गए सुनियोजित प्रयासों का परिणाम है। यूपी की प्रतिभा अब विश्व स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन कर रही है। यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोजगार मिशन का हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ओडीओपी) योजना के तहत परंपरागत उद्योगों को नई पहचान दी गई है। एमएसएमई सेक्टर में 96 लाख यूनिट्स को पुनर्जीवित किया गया है। कोरोना काल में जब 40 लाख से अधिक प्रवासी कामगार लौटे, तब इन्हीं यूनिट्स ने 90 प्रतिशत को रोजगार दिया।
सीएम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने एमएसएमई यूनिट्स के रजिस्ट्रेशन करने वाले उद्यमियों को 5 लाख रुपए का सुरक्षा बीमा कवर दिया है। यदि प्रत्येक यूनिट 2 से 10 युवाओं को रोजगार देती है, तो लाखों लोग सम्मानजनक काम पा रहे हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार कर रहा है।
सीएम ने परंपरागत कारीगरों को सम्मान देने के लिए ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ और ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजनाओं की जानकारी दी। बढ़ई, राजमिस्त्री, लोहार, सोनार, कुम्हार, मोची, नाई जैसे कारीगरों को मुफ्त टूलकिट, सस्ता ऋण और ट्रेनिंग दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि 24 जनवरी 2025 को शुरू हुई ‘सीएम युवा उद्यमी स्कीम’ के तहत 21 से 40 वर्ष के युवाओं को बिना गारंटी ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। अब तक 70,000 से अधिक युवाओं ने इस स्कीम से जुड़कर अपने उद्यम स्थापित किए हैं।
सीएम ने बताया कि पिछले 8 वर्षों में पारदर्शिता के साथ 8.5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गई हैं। इसमें पुलिस, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पीडब्ल्यूडी और विश्वविद्यालयों में बड़ी संख्या में नियुक्तियां हुई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीरो टॉलरेंस नीति के चलते प्रदेश निवेशकों की पहली पसंद बना है। पिछले 8 वर्षों में 33 से अधिक सेक्टोरियल पॉलिसी लागू की गई हैं। इन्वेस्ट यूपी पोर्टल और सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म के जरिए पारदर्शी व्यवस्था बनाई गई है।
सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश स्टार्टअप मिशन और स्किल डेवलपमेंट मिशन के जरिए युवाओं को नई तकनीकों की ट्रेनिंग दी जा रही है। टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों में नई लैब और कोर्स शुरू किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि विदेश जाने वाले युवाओं को भाषा प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। जर्मनी जाने वालों को जर्मन, जापान जाने वालों को जापानी और अन्य देशों के लिए उनकी भाषाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।