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रोहतक में युवाओं की वेतन समस्या पर ग्रीवेंस मीटिंग में भावुकता का माहौल

रोहतक में आयोजित ग्रीवेंस मीटिंग में एक युवक विजय ने कोरोना काल से वेतन न मिलने की पीड़ा साझा की। उसकी भावुकता ने सभी को प्रभावित किया। डीसी धर्मेंद्र ने गलती स्वीकार करते हुए विजय के दस्तावेजों को सही करने और उसे कौशल रोजगार योजना में शामिल करने का आश्वासन दिया। यह घटना न केवल विजय के लिए, बल्कि सभी उपस्थित लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बन गई।
 

रोहतक ग्रीवेंस मीटिंग में वेतन न मिलने की पीड़ा

रोहतक ग्रीवेंस मीटिंग: कोरोना काल से वेतन न मिलने पर युवक की करुण पुकार, डीसी ने स्वीकार की गलती: सोमवार को आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता रोहतक के डीसी धर्मेंद्र ने की, जबकि कैबिनेट मंत्री कृष्ण पवार उपस्थित नहीं थे। इस दौरान एक युवक विजय अपनी समस्या लेकर आया और जैसे ही उसने अपनी बात रखी, वह (फूट-फूटकर रोने) लगा।


विजय ने बताया कि वह पिछले 15-16 वर्षों से (पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट) में (डीसी रेट कर्मचारी) के रूप में कार्यरत है। लेकिन (कोरोना काल) के बाद से उसे वेतन नहीं मिला। उसने कई बार अधिकारियों से मदद मांगी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।


लापरवाही के कारण मृत घोषित किया गया कर्मचारी, रोहतक ग्रीवेंस मीटिंग में दर-दर भटकने की कहानी


विजय ने कहा कि कुछ अधिकारियों की लापरवाही के चलते उसे (मृत घोषित कर्मचारी) बना दिया गया। इस कारण वह (कौशल रोजगार योजना) में शामिल नहीं हो सका। जीवित होने का प्रमाण देने के लिए उसे दर-दर भटकना पड़ा।


विजय ने भावुक होकर कहा कि सैलरी न मिलने के कारण उसे अपने परिवार का पेट (मंदिर से खाना) और (गुरुद्वारे से भोजन) लाकर भरना पड़ा। उसकी स्थिति ने बैठक में मौजूद सभी लोगों को प्रभावित किया।


डीसी ने गलती स्वीकार की, समाधान के निर्देश दिए


(रोहतक डीसी धर्मेंद्र) ने विजय की बात सुनने के बाद माना कि यह गलती कर्मचारियों और अधिकारियों की थी। उन्होंने कहा कि अब विजय के दस्तावेज सही कर दिए गए हैं और उसे (कौशल रोजगार योजना) में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।


डीसी ने संबंधित विभाग को निर्देश दिए कि विजय की समस्या का जल्द समाधान किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी लापरवाही दोबारा न हो, इसके लिए सभी अधिकारियों को सतर्क किया जाएगा।