सर्दियों में गर्माहट देने वाली 5 देसी शॉल जो आपको जरूर पहननी चाहिए
सर्दियों का स्वागत: शॉल की बढ़ती मांग
नई दिल्ली: जैसे ही सर्दी का मौसम आता है, देशभर में शॉल की मांग तेजी से बढ़ जाती है। पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए, शॉल न केवल स्टाइल का एक हिस्सा है, बल्कि यह ठंड से भी सुरक्षा प्रदान करती है। बाजार में शॉल की कई वैरायटी, पैटर्न और रंगों के विकल्प उपलब्ध हैं।
कई लोग मानते हैं कि केवल पश्मीना शॉल ही सबसे गर्म होती है, लेकिन भारत में कई पारंपरिक शॉलें हैं जो हल्की और मुलायम होते हुए भी अद्भुत गर्माहट प्रदान करती हैं। इस लेख में हम आपको 5 देसी शॉलों के बारे में बताएंगे, जिन्हें इस सर्दी अवश्य आजमाना चाहिए।
याक वूल शॉल
याक वूल शॉल, पश्मीना की तरह, अत्यधिक गर्म होती है। इसे माइनस तापमान वाले क्षेत्रों में भी पहना जा सकता है। याक के ऊन से बनी यह शॉल टिकाऊ, हल्की और पर्यावरण के अनुकूल होती है। इसके डिज़ाइन में ट्राइबल पैटर्न, स्थानीय मोटिफ और बोल्ड टेक्सचर शामिल होते हैं। भारत में, ये शॉल मुख्य रूप से अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख में बनाई जाती हैं। इनकी मोटाई के कारण, ये जैकेट जैसी गर्माहट प्रदान करती हैं।
कुल्लू शॉल
हिमाचल प्रदेश की कुल्लू शॉल अपने पारंपरिक डिज़ाइन और गर्माहट के लिए प्रसिद्ध है। यह बेहद मुलायम होती है और पहनने पर हल्की महसूस होती है। यह दैनिक उपयोग के लिए एक बेहतरीन विकल्प है और इसकी बजट फ्रेंडली कीमत इसे हर किसी की वार्डरोब में शामिल करने के लिए उपयुक्त बनाती है।
अंगोरा वूल शॉल
अंगोरा वूल शॉल न केवल मुलायम और गर्म होती है, बल्कि देखने में भी बहुत आकर्षक होती है। इसे पहनने पर ऐसा लगता है जैसे आपने रूई की हल्की परत ओढ़ रखी हो। यह शॉल खरगोश के नरम बालों से बनाई जाती है और इसका उत्पादन हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर होता है। ये गर्माहट देने के बावजूद भारी नहीं होती।
मेरिनो वूल शॉल
मेरिनो वूल शॉल हल्की, गर्म और बेहद आरामदायक होती है। इसे ऑफिस, घर या किसी समारोह में आसानी से पहना जा सकता है। इसकी विशेषता यह है कि यह एंटी-स्वेट, ब्रीदेबल और शरीर के तापमान को संतुलित रखने वाली फैब्रिक से बनाई जाती है। ये कई रंगों और डिज़ाइनों में उपलब्ध होती हैं और मुख्य रूप से कश्मीर और हिमाचल में हाथ से बुनी जाती हैं।