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सहेली कार्यक्रम: गर्भवती महिलाओं को चिकित्सा सहायता प्रदान करने की पहल

जींद में सहेली कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को चिकित्सा सहायता प्रदान करना है। इस पहल के तहत हर गर्भवती महिला के साथ एक आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को जोड़ा गया है। सहेली कार्यकर्ता न केवल चिकित्सा सहायता में मदद करेंगी, बल्कि लिंगानुपात सुधार के लिए भी जागरूकता फैलाएंगी। गर्भवती महिलाओं की सूची हर सप्ताह अपडेट की जाएगी, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति पर नजर रखी जा सके।
 

सहेली कार्यक्रम की शुरुआत


जींद के नागरिक अस्पताल में उप सिविल सर्जन डा. पालेराम ने शुक्रवार को सभी आशा ब्लॉक कॉर्डिनेटर और आशा कार्यकर्ताओं की बैठक में बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने सहेली कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम के तहत हर गर्भवती महिला के साथ एक आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को जोड़ा गया है। सहेली कार्यकर्ता का मुख्य कार्य गर्भवती महिलाओं को चिकित्सा सहायता प्रदान करना और उनके सभी चेकअप सुनिश्चित करना है।


लिंगानुपात सुधार में सहेली की भूमिका

सहेली कार्यक्रम के अंतर्गत लिंगानुपात सुधार के लिए भी विशेष जिम्मेदारी दी गई है। सहेली कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं को लिंग चयन न करने और कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूक करेंगी। यदि किसी महिला का गर्भपात होता है, तो इसकी जानकारी रखी जाएगी, विशेषकर उन महिलाओं के लिए जिनके पहले से लड़कियां हैं।


गर्भवती महिलाओं की सूची का अद्यतन

गर्भवती महिलाओं की सूची को हर सप्ताह अपडेट किया जाएगा। सभी सहेलियों को इस कार्यक्रम के सभी पहलुओं से अवगत कराते हुए इसे निष्ठा और ईमानदारी से करने के निर्देश दिए गए हैं। पीएनडीटी और एमटीपी में रेड हेतु जानकारी उपलब्ध कराने और डेकोय ऑपरेशन के लिए उचित पुरस्कार और प्रशंसा पत्र देने की जानकारी भी दी गई।