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साइलेंट कॉल स्कैम: जानें कैसे बचें और क्या करें

साइलेंट कॉल स्कैम एक गंभीर खतरा है, जिसमें ठग आपके फोन पर कॉल करके यह पता लगाते हैं कि आपका नंबर सक्रिय है या नहीं। इस लेख में जानें कि कैसे ऐसे कॉल से बचें, कॉल बैक करने के खतरों के बारे में जानकारी प्राप्त करें, और सरकार और साइबर एजेंसियों की सलाह पर ध्यान दें। सतर्कता ही इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।
 

साइलेंट कॉल का खतरा

यदि आपके फोन पर कॉल आती है और रिसीव करते ही दूसरी ओर कोई आवाज नहीं आती, तो इसे सामान्य तकनीकी समस्या न समझें। यह एक साइलेंट कॉल स्कैम हो सकता है। दूरसंचार विभाग के अनुसार, ऐसे कॉल के माध्यम से साइबर ठग यह पता लगाते हैं कि क्या कोई मोबाइल नंबर सक्रिय है।


साइलेंट कॉल स्कैम की प्रक्रिया

साइलेंट कॉल स्कैम एक ऐसी तकनीक है जिसमें कॉल करने वाला व्यक्ति कुछ नहीं बोलता। जैसे ही कॉल रिसीव होती है, स्कैमर को पता चल जाता है कि यह नंबर उपयोग में है।


स्कैमर को क्या लाभ होता है

इससे स्कैमर को कई फायदे होते हैं, जैसे:


  • सक्रिय नंबरों की पहचान करना
  • डाटाबेस को अपडेट करना
  • भविष्य में धोखाधड़ी कॉल और फर्जी ऑफर भेजना
  • ओटीपी और बैंकिंग धोखाधड़ी के लिए लक्ष्य तय करना


एक बार नंबर की पुष्टि हो जाने के बाद, इसे विभिन्न ठगी नेटवर्क में साझा किया जा सकता है।


कॉल बैक करना क्यों खतरनाक है

कई लोग सोचते हैं कि शायद नेटवर्क की समस्या है और वे कॉल बैक कर देते हैं, जो कि एक खतरनाक कदम हो सकता है।



संभावित खतरे

  • कॉल किसी प्रीमियम रेट नंबर से हो सकती है
  • इंटरनेशनल नंबर पर कॉल बैक करने से भारी चार्ज लग सकता है
  • कुछ मामलों में कॉल बैक करते ही आपको धोखाधड़ी की बातचीत में उलझा लिया जाता है


विश्लेषकों के अनुसार, हर साल हजारों लोग सिर्फ कॉल बैक करने के कारण आर्थिक नुकसान उठाते हैं।


सरकार और साइबर एजेंसियों की सलाह

सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि:


  • साइलेंट कॉल आने पर कॉल बैक न करें
  • किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें
  • ऐसे नंबर को तुरंत ब्लॉक करें


दूरसंचार विभाग का कहना है कि सतर्कता ही इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।


संचार साथी ऐप से शिकायत करें

यदि आपको ऐसी कॉल आई है, तो आप संचार साथी ऐप के माध्यम से इसकी रिपोर्ट कर सकते हैं।


  • संदिग्ध नंबरों पर कार्रवाई करना आसान होता है
  • अन्य उपयोगकर्ताओं को पहले से चेतावनी मिलती है
  • साइबर एजेंसियों को स्कैम नेटवर्क तोड़ने में मदद मिलती है


सरकारी आंकड़ों के अनुसार, रिपोर्टिंग बढ़ने से कई फर्जी नंबर पहले ही ब्लॉक किए जा चुके हैं।


क्यों गंभीर है यह खतरा

डिजिटल इंडिया के युग में, मोबाइल नंबर आपकी पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। बैंकिंग, सोशल मीडिया और सरकारी सेवाएं सभी इसी पर निर्भर हैं। एक छोटा सा जवाब या कॉल बैक बड़ी धोखाधड़ी का दरवाजा खोल सकता है।


आगे क्या करें

  • अनजान नंबर से आई साइलेंट कॉल को नजरअंदाज करें
  • फोन में कॉल फिल्टर और स्पैम डिटेक्शन चालू रखें
  • समय पर रिपोर्ट करें ताकि दूसरों को भी नुकसान न हो


साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि जागरूक उपयोगकर्ता ही सबसे मजबूत सुरक्षा हैं।