हर घर तिरंगा 2025: स्वतंत्रता दिवस पर देशभक्ति का नया आंदोलन
हर घर तिरंगा: एक नई शुरुआत
हर घर तिरंगा 2025: जैसे-जैसे 15 अगस्त 2025 नजदीक आ रहा है, भारत में स्वतंत्रता दिवस का उत्साह फिर से देखने को मिल रहा है। इस साल देश अपनी आज़ादी के 78 वर्ष पूरे कर रहा है, और इसी अवसर पर 'हर घर तिरंगा' अभियान का चौथा चरण एक जन आंदोलन के रूप में उभर रहा है। यह पहल केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि हर नागरिक के लिए अपने राष्ट्र के प्रति भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक बन चुकी है।
तिरंगा फहराने की प्रेरणा
घर-घर तिरंगा, एक सशक्त राष्ट्र की तस्वीर
इस बार भी नागरिकों को अपने घरों पर तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि वे देशभक्ति की भावना को अपने जीवन में शामिल कर सकें। संस्कृति मंत्रालय ने लोगों को 'हर घर तिरंगा एंबेसडर' बनने के लिए आमंत्रित किया है, जिसमें वे अपनी तिरंगा सेल्फी साझा करके डिजिटल बैज और प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं। यह अभियान 2022 में 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' के तहत शुरू हुआ था और अब यह करोड़ों लोगों की भागीदारी वाला आंदोलन बन चुका है।
स्वयंसेवकों की भूमिका
वॉलंटियर्स का बढ़ता योगदान
इस वर्ष अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए 'हर घर तिरंगा वॉलंटियर प्रोग्राम' की शुरुआत की गई है। देशभर में स्वयंसेवक घर-घर जाकर लोगों को सही तरीके से तिरंगा फहराने में मदद कर रहे हैं, झंडे वितरित कर रहे हैं और उन्हें अभियान पोर्टल पर सेल्फी अपलोड करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। सफल वॉलंटियर्स को आधिकारिक सर्टिफिकेट दिए जाते हैं, और जो सबसे अधिक भागीदारी करते हैं, उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।
महिलाओं का सशक्तिकरण
महिलाओं को मिल रहा आर्थिक संबल
यह अभियान केवल देशभक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सामाजिक-आर्थिक पहलू भी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने शहरी गरीब बस्तियों में 60 लाख झंडे मुफ्त में बांटने की योजना बनाई है। ये झंडे स्वयं सहायता समूहों (SHGs) द्वारा बनाए जा रहे हैं, जिससे लगभग 29,000 महिलाओं को रोजगार मिला है। पहले जहां सरकार ने करोड़ों झंडे वितरित किए थे, अब लगभग पूरा उत्पादन स्थानीय समूहों द्वारा किया जा रहा है, जिससे आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिल रहा है।
स्वच्छता और स्वदेशी का संगम
स्वच्छता और स्वदेशी से जुड़ा अभियान
मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में 'हर घर तिरंगा' को स्वच्छता और स्वदेशी अभियानों से जोड़ा जा रहा है। यहां रैलियों, सफाई अभियानों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से नागरिक कर्तव्यों और राष्ट्रीय पहचान के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा रही है। वाराणसी में महिला समूहों ने अब तक 2.5 लाख तिरंगे तैयार कर शहर में बांटे हैं, जिससे यह अभियान महिलाओं के सशक्तिकरण का भी जरिया बन गया है।
एकता और गर्व का प्रतीक
एकता और गर्व का प्रतीक
'हर घर तिरंगा' अब केवल एक झंडा फहराने की पहल नहीं है, बल्कि यह नागरिकों की राष्ट्र के प्रति भावना, सहभागिता और गर्व को दर्शाता है। यह अभियान भारत की आत्मा को छूने वाला आंदोलन बन गया है, जिसमें हर घर से एक आवाज़ आती है — “मैं भारतवासी हूं और मुझे अपने देश पर गर्व है।”