हर घर तिरंगा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए यूपी सरकार की नई पहल
लखनऊ में हर घर तिरंगा कार्यक्रम की तैयारी
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हर घर तिरंगा कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन को झंडों के निर्माण के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए तेजी से कार्य करने का निर्देश दिया है। मौर्य ने बताया कि 2022 में 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत हर घर तिरंगा अभियान की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य नागरिकों को अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रेरित करना है। यह अभियान अब राष्ट्रीय पहचान, देशभक्ति और गर्व का एक सफल जन भागीदारी आंदोलन बन चुका है।
हर घर तिरंगा कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 2 करोड़ झंडों का निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया है, जो उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित समूहों द्वारा किया जाएगा। पिछले वर्ष इस कार्यक्रम के दौरान 1.88 करोड़ से अधिक झंडों का सफल उत्पादन किया गया था, जिसे उच्च स्तर पर सराहा गया था।
तिरंगे झंडों का सम्मान सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित झंडों को ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा, समूहों को स्थानीय बाजारों में भी झंडों की बिक्री करने की अनुमति दी गई है।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की निदेशक दीपा रंजन ने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि समूहों को किसी भी प्रकार की वित्तीय हानि न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। समूहों द्वारा निर्मित झंडों की बिक्री विभिन्न मिशनों के लाभार्थियों के माध्यम से भी की जा सकती है।
उम्मीद की जा रही है कि झंडा फहराने के लिए समूह सदस्यों और नागरिकों को नियमों और जानकारियों के बारे में जागरूक किया जाएगा। सरकार की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित लाभार्थियों को भी झंडा फहराने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
हर घर तिरंगा अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में झंडों के निर्माण के लिए 2 करोड़ झंडों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसका भुगतान पंचायती राज विभाग द्वारा किया जाएगा। सभी समूहों को दैनिक लक्ष्य निर्धारित करने और उनकी प्रगति की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।
जारी परिपत्र में कहा गया है कि झंडों का निर्माण पूरी सम्मान के साथ झंडा संहिता के अनुसार किया जाए। निर्मित तिरंगा झंडा सीधे ग्राम पंचायतों को आपूर्ति की जाएगी। यदि किसी जनपद में अधिक झंडों का निर्माण किया जाता है, तो उन्हें अन्य जनपदों में भी आपूर्ति की जा सकती है।
सभी मुख्य विकास अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि 31 अगस्त, 2025 तक सभी भुगतान की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। लक्षित झंडों की आपूर्ति समय पर सुनिश्चित की जाए और संबंधित विभागों को उपलब्ध कराते हुए प्राप्ति रसीद ले ली जाए।
तिरंगा झंडा उत्पादन समय पर पूरा करने के लिए अधिक संख्या में निपुण स्वयं सहायता समूहों को कार्य आवंटित किया जाएगा। झंडा निर्माण का कार्य केवल समूहों के माध्यम से किया जाएगा, अन्य किसी व्यक्ति या संस्था को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा।