11 सितंबर 2001: अमेरिका में हुए आतंकवादी हमले की दर्दनाक कहानी
11 सितंबर के हमले ने दुनिया को हिलाकर रख दिया
भारत के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने वैश्विक स्तर पर हड़कंप मचा दिया था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अमेरिका भी एक भयानक आतंकवादी हमले का शिकार हुआ था? आज, 11 सितंबर 2025 को, उस हमले को 24 वर्ष पूरे हो गए हैं, जिसके दृश्य आज भी दिल को दहला देते हैं। 11 सितंबर 2001 की सुबह, न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर्स पर आतंकियों ने हमला किया था। आतंकवादियों ने यात्रियों से भरे दो विमानों को टॉवर्स में घुसा दिया।
दुनिया ने देखा तबाही का खौफनाक मंजर
जैसे ही विमानों ने टॉवर्स में प्रवेश किया, एक भयानक विस्फोट हुआ। आग की लपटें, धुएं का गुबार, और लोगों की चीखें सुनाई दीं। अमेरिका ने 11 सितंबर 2001 की सुबह एक विनाशकारी दृश्य देखा, जिसने उसके इतिहास को बदलकर रख दिया। उस समय के राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध की घोषणा की और कहा कि आतंकवाद का खात्मा अब सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
11 सितंबर 2001 की सुबह क्या हुआ?
11 सितंबर 2001 को, अलकायदा के 19 आतंकियों ने अमेरिका में चार यात्री विमानों को हाईजैक किया। इनमें अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट-11, यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट-175, अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट-77 और यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट-93 शामिल थीं। आतंकियों ने दो विमानों को न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर्स में घुसा दिया, जिससे दोनों टॉवर ढह गए। तीसरा विमान वाशिंगटन डीसी में पेंटागन से टकराया, जबकि चौथा विमान पेंसिल्वेनिया में दुर्घटनाग्रस्त हुआ।
आतंकी हमले में कितने लोग मारे गए?
हमले के समय, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दोनों टॉवर में लगभग 16,000 से 18,000 लोग मौजूद थे। इस हमले में कुल 2,977 लोगों की जान गई। सड़क पर खड़े लोगों ने विमानों को टॉवर से टकराते हुए देखा और आग में जलते लोगों को गिरते हुए देखा, जिससे न्यूयॉर्क में दहशत फैल गई। सबसे कम उम्र की मृतका 2 साल की क्रिस्टीन ली हैन्सन थी, जबकि सबसे उम्रदराज मृतका 82 वर्षीय रॉबर्ट नॉर्टन थे। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में लगभग 2,606 और पेंटागन में 125 लोगों की जान गई।