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2025 में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भारत को बड़ा लाभ

साल 2025 में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भारत सरकार को बड़ा लाभ पहुंचाया है। आयात बिल में 12 प्रतिशत की कमी आई है, जिससे सरकार को 11 अरब डॉलर का फायदा हुआ। हालांकि, इस बचत का लाभ आम नागरिकों को नहीं मिला। जानें इस विषय पर और क्या जानकारी है।
 

कच्चे तेल की कीमतों में कमी का प्रभाव

साल 2025 में कच्चे तेल की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जिससे एक दिलचस्प तथ्य सामने आया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी के कारण भारत सरकार को लाभ हुआ है। यह लाभ दो तरीकों से प्राप्त हुआ है। एक ओर, भारत के आयात बिल में कमी आई है, जबकि दूसरी ओर, खुदरा बाजार में कीमतें स्थिर रहने से सरकार की आमदनी में वृद्धि जारी रही है। रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में कच्चे तेल के आयात बिल में 12 प्रतिशत की कमी आई है। इसका मतलब यह है कि पहले जहां तेल की खरीद पर 100 रुपये खर्च होते थे, वहीं अब यह 88 रुपये में मिल रहा है। हालांकि, इस बचत का एक रुपया भी आम नागरिकों को नहीं मिला।


आंकड़ों के अनुसार, भारत सरकार ने 2024 में जितना तेल खरीदा था, उसके लिए 92 अरब डॉलर का आयात बिल चुकाया था। लेकिन 2025 में चार मिलियन टन अधिक तेल खरीदने के लिए सरकार को केवल 81 अरब डॉलर का भुगतान करना पड़ा। इस प्रकार, अधिक कच्चा तेल खरीदने पर भी सरकार को 11 अरब डॉलर, यानी लगभग एक लाख करोड़ रुपये का लाभ हुआ। इसके अलावा, पेट्रोलियम उत्पादों और प्राकृतिक गैस की खरीद पर भी इसी अनुपात में लाभ हुआ है। फिर भी, तेल और गैस की कीमतों में कोई कमी नहीं की गई।