2025 में चंद्र ग्रहण: क्या आंखों के लिए है हानिकारक?
2025 का चंद्र ग्रहण: खतरनाक या सुरक्षित?
2025 का चंद्र ग्रहण: रक्त चंद्रमा 7 सितंबर को दिखाई देगा, क्या यह आंखों के लिए हानिकारक है?: नई दिल्ली: 7 सितंबर 2025 को एक महत्वपूर्ण घटना होने जा रही है, जब पूर्ण चंद्रग्रहण भारत सहित कई देशों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकेगा।
चंद्रग्रहण के बारे में लोगों के मन में कई प्रश्न हैं, विशेष रूप से यह कि क्या इसे बिना किसी सुरक्षा के देखना आंखों के लिए खतरनाक हो सकता है? आइए, विज्ञान की मदद से इस पर चर्चा करते हैं और यह भी समझते हैं कि चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण में क्या अंतर है।
चंद्रग्रहण का कारण क्या है? 2025 का चंद्र ग्रहण
चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूरज और चंद्रमा के बीच आ जाती है। इस स्थिति में, पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे चंद्रमा पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक जाता है और लाल रंग का दिखाई देता है।
इसे रक्त चंद्रमा भी कहा जाता है। 7 सितंबर 2025 को होने वाला यह पूर्ण चंद्रग्रहण रात 9:27 बजे शुरू होगा और 11 बजे से 12:22 बजे तक अपने चरम पर रहेगा।
क्या चंद्रग्रहण देखना सुरक्षित है?
कई लोग मानते हैं कि चंद्रग्रहण को बिना किसी सुरक्षा के देखना आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। लेकिन विज्ञान के अनुसार, चंद्रग्रहण देखना पूरी तरह से सुरक्षित है।
इसके लिए किसी विशेष चश्मे या सुरक्षा फिल्टर की आवश्यकता नहीं होती। चंद्रमा की रोशनी सूरज की रोशनी की तरह तेज नहीं होती, इसलिए यह आंखों को नुकसान नहीं पहुंचाती। NASA और अन्य वैज्ञानिक संस्थाएं भी इसे सुरक्षित मानती हैं।
सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण में क्या अंतर है?
सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूरज और पृथ्वी के बीच आ जाता है, जिससे सूरज की तेज रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंचती।
इसे बिना सुरक्षा के देखना खतरनाक है, क्योंकि सूरज की रोशनी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके विपरीत, चंद्रग्रहण में चंद्रमा केवल सूरज की रोशनी को परावर्तित करता है, जो आंखों के लिए हानिकारक नहीं है। इसलिए चंद्रग्रहण को बिना किसी डर के देखा जा सकता है।
रक्त चंद्रमा का रहस्य
चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल क्यों दिखाई देता है? वास्तव में, पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ने से सूरज की रोशनी सीधे नहीं पहुंचती।
पृथ्वी के वायुमंडल में मौजूद गैस और धूल लाल रंग की किरणों को चंद्रमा तक पहुंचने देती हैं, जिससे चंद्रमा लाल-नारंगी रंग का दिखाई देता है। इसे रक्त चंद्रमा कहा जाता है, जैसा कि सूर्यास्त के समय आसमान का रंग होता है।