2025 में भारतीयों के लिए विदेश यात्रा में कठिनाइयाँ: नए नियमों का प्रभाव
विदेश यात्रा में नए नियमों का सामना
विदेश में अध्ययन या कार्य करने की इच्छा रखने वाले लाखों भारतीयों के लिए वर्ष 2025 एक चुनौतीपूर्ण समय बन गया है। कई देशों ने भारतीयों के लिए अप्रवासन संबंधी नियमों को कड़ा कर दिया है, जिससे विदेश यात्रा करना कठिन हो गया है। आइए जानते हैं कि किन देशों ने भारतीयों के लिए क्या नए नियम लागू किए हैं।
अमेरिका में नए वीजा नियम
अमेरिका
डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में, अमेरिका ने 2025 में H-1B वीजा कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। H-1B वीजा के लिए पंजीकरण शुल्क को 10 डॉलर से बढ़ाकर 215 डॉलर कर दिया गया है। इसके अलावा, नए आवेदकों के लिए 90 लाख रुपए की फीस भी निर्धारित की गई है, जो नियोक्ताओं के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
कनाडा में छात्र वीजा की नई नीति
कनाडा
कनाडा ने 2025 के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए स्टडी परमिट की संख्या 437,000 निर्धारित की है। इसमें प्रांतीय और प्रादेशिक सत्यापन की पात्रता को लागू किया गया है, जिससे केवल मास्टर और डॉक्टरेट छात्रों को प्राथमिकता दी गई है।
ब्रिटेन में आव्रजन नियमों में बदलाव
ब्रिटेन
ब्रिटेन ने 2025 में कुशल श्रमिक वीजा सहित कई आव्रजन नियमों में बदलाव किए हैं। वीजा शुल्क में वृद्धि और इलेक्ट्रॉनिक ट्रेवल ऑथराइजेशन (ETA) की लागत में बढ़ोतरी की गई है।
ऑस्ट्रिया में वीजा शुल्क में वृद्धि
ऑस्ट्रिया
ऑस्ट्रिया ने छात्रों के लिए वीजा आवेदन शुल्क को 1600 AUD से बढ़ाकर 2000 AUD कर दिया है, जो 1 जुलाई 2025 से लागू होगा।
न्यूजीलैंड में वीजा प्रणाली में सुधार
न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड ने 2025 में अपने नियोक्ता कार्य वीजा प्रणाली में सुधार किए हैं, जिसमें वीजा अवधि और व्यवसाय मूल्यांकन के ढांचे में बदलाव शामिल हैं।
सिंगापुर में नए वेतन मानदंड
सिंगापुर
सिंगापुर ने 1 जनवरी 2025 से नए एम्प्लॉयमेंट पास आवेदकों के लिए न्यूनतम पात्रता वेतन को बढ़ाकर 5,600 सिंगापुर डॉलर कर दिया है।
जापान में ई-वीजा प्रक्रिया में बदलाव
जापान
जापान ने दिसंबर 2025 में अपने वीजा दिशानिर्देशों को अपडेट किया है, जिसमें भारतीय निवासियों को अल्पकालिक पर्यटक ई-वीजा के लिए मान्यता प्राप्त ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से आवेदन करने की आवश्यकता होगी।