2026 में मंदिर विवाह का बढ़ता ट्रेंड: परंपरा और सरलता का संगम
मंदिर विवाह का नया चलन
2026 में मंदिर विवाह का ट्रेंड: शादी के अवसर पर जोड़े भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं। भारतीय संस्कृति में विवाह को एक पवित्र बंधन माना जाता है। वर्तमान में, मंदिर में विवाह करना एक प्रमुख ट्रेंड बन गया है, जो परंपरा और सरलता का बेहतरीन मिश्रण प्रस्तुत करता है। अब यह केवल एक वैकल्पिक समारोह नहीं रह गया है; कई आधुनिक जोड़े इसे अपने पूर्वजों का सम्मान करने और संस्कृति का जश्न मनाने का एक तरीका मानते हैं।
सेलिब्रिटी और सोशल मीडिया का प्रभाव
कई सेलिब्रिटी जोड़े पहले से ही मंदिर में विवाह कर रहे हैं, और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही मंदिर विवाह की तस्वीरें इस ट्रेंड को और बढ़ावा दे रही हैं। इसके साथ ही, वेडिंग इंडस्ट्री भी अब सरल और अंतरंग विवाह पैकेज तैयार कर रही है। मंदिर में होने वाले विवाह बिना भारी खर्च के भव्यता प्रदान करते हैं, जहां सजावट न्यूनतम होती है लेकिन माहौल शाही होता है।
आध्यात्मिक माहौल का महत्व
मंडप: ग्लैमर की दुनिया में कई जोड़े आध्यात्मिक विवाह को प्राथमिकता दे रहे हैं। उदाहरण के लिए, अदिति राव हैदरी और सिद्धार्थ ने तेलंगाना के 400 साल पुराने रंगनायक स्वामी मंदिर में विवाह किया। इसी तरह, इशिता दत्ता और वत्सल सेठ ने जुहू के इस्कॉन मंदिर में शादी की।
आध्यात्मिक माहौल: वेडिंग प्लानरों का कहना है कि आज के जोड़े अपनी शादी को व्यक्तिगत क्षण के रूप में देख रहे हैं, जहां उन्हें केवल दूल्हा-दुल्हन और करीबी लोग चाहिए। मंदिरों का आध्यात्मिक वातावरण इस ट्रेंड को और बढ़ा रहा है।
महाराष्ट्र और गुजरात के प्रमुख मंदिर
महाराष्ट्र: त्र्यंबकेश्वर मंदिर, गणपतिपुले मंदिर और महालक्ष्मी मंदिर जैसे स्थल विवाह के लिए लोकप्रिय हैं।
गुजरात: मोढेरा सूर्य मंदिर, सोमनाथ मंदिर और अंबाजी मंदिर जैसे स्थल भी जोड़ों के बीच लोकप्रियता प्राप्त कर रहे हैं।