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500 रुपए के नोट को बंद करने की अफवाहों का सरकार ने किया खंडन

हाल ही में 500 रुपए के नोट को बंद करने की अफवाहें सोशल मीडिया पर तेजी से फैलीं, जिसके बाद सरकार की फैक्ट चेक यूनिट PIB ने इन खबरों का खंडन किया। PIB ने स्पष्ट किया कि 500 रुपए का नोट चलन में रहेगा और इस संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। यह मामला तब शुरू हुआ जब RBI ने एटीएम में 100 और 200 रुपए के नोटों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की अपील ने भी इस अफवाह को बल दिया। PIB के स्पष्टीकरण के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि ये सभी अटकलें निराधार हैं।
 

500 रुपए के नोट को लेकर फैली अफवाहें

नई दिल्ली: पिछले एक सप्ताह से सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्टों में 500 रुपए के नोट को बंद करने की चर्चा चल रही थी। इन रिपोर्टों में यह दावा किया गया था कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को एटीएम में 100 और 200 रुपए के नोटों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है, जिससे 500 रुपए के नोट के बंद होने की संभावना जताई जा रही थी।


सरकार का आधिकारिक स्पष्टीकरण

हाल ही में, सरकार की आधिकारिक फैक्ट चेक यूनिट, प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने इन अटकलों का खंडन किया है। PIB ने एक ट्वीट के माध्यम से स्पष्ट किया कि 500 रुपए के नोट को बंद करने की कोई योजना नहीं है। PIB ने कैपिटल टीवी नामक एक यूट्यूब चैनल द्वारा प्रसारित इस खबर को फर्जी करार दिया है। PIB के अनुसार, RBI ने ऐसा कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया है और 500 रुपए का नोट चलन में बना रहेगा।


अफवाहों की उत्पत्ति

यह मामला तब शुरू हुआ जब भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को एटीएम में 100 और 200 रुपए के नोटों के सर्कुलेशन को बढ़ाने का निर्देश दिया। इसके बाद विभिन्न विशेषज्ञों ने इस निर्देश की अलग-अलग व्याख्या करना शुरू कर दिया। कुछ ने यह अनुमान लगाया कि यह 500 रुपए के नोट को धीरे-धीरे बाजार से वापस लेने की प्रक्रिया का हिस्सा हो सकता है।


मुख्यमंत्री की अपील और PIB का स्पष्टीकरण

इस अफवाह को और बल मिला जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार से 500 रुपए और उससे अधिक मूल्य के नोटों को बंद करने की अपील की। उन्होंने बड़े नोटों को भ्रष्टाचार का कारण बताते हुए इन्हें चलन से बाहर करने की वकालत की थी। हालांकि, PIB के स्पष्टीकरण के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि 500 रुपए के नोट को बंद करने की खबरें निराधार हैं और आम जनता को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है।