×

8वें वेतन आयोग का अपडेट: पेंशनभोगियों के लिए चिकित्सा भत्ते में संभावित वृद्धि

8वें वेतन आयोग की घोषणा के बाद, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए चिकित्सा भत्ते में संभावित वृद्धि की चर्चा चल रही है। SCOVA की बैठक में पेंशनभोगियों के चिकित्सा भत्ते को ₹1,000 से बढ़ाकर ₹3,000 करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इसके अलावा, HRA और अन्य भत्तों की समीक्षा भी की जाएगी। आयोग का औपचारिक गठन और सिफारिशों का कार्यान्वयन अभी बाकी है, जिससे पेंशनभोगियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है।
 

8वें वेतन आयोग की घोषणा


8वें वेतन आयोग का अपडेट: जनवरी में 8वें वेतन आयोग की घोषणा के बाद, केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को वेतन और पेंशन में वृद्धि की उम्मीद है। हालांकि, इस संबंध में सरकार ने अभी तक कोई महत्वपूर्ण जानकारी साझा नहीं की है।


चिकित्सा भत्ते में प्रस्तावित वृद्धि

34वीं SCOVA (स्वैच्छिक एजेंसियों की स्थायी समिति) की बैठक 11 मार्च 2025 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित की गई थी, जिसमें पेंशनभोगियों के निश्चित चिकित्सा भत्ते (FMA) को ₹1,000 से बढ़ाकर ₹3,000 करने का प्रस्ताव पारित किया गया। SCOVA पेंशनभोगियों की समस्याओं और उनके कल्याण से जुड़े सुझावों पर चर्चा करने का एक मंच है।


पेंशनभोगियों ने बढ़ती महंगाई और चिकित्सा खर्चों के मद्देनजर ₹1,000 की मौजूदा राशि को अपर्याप्त बताया और इसमें वृद्धि की मांग की। यह नया भत्ता 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है, क्योंकि इसे 8वें वेतन आयोग की टीओआर में शामिल करने की सिफारिश की गई है।


HRA और अन्य भत्तों की समीक्षा

SCOVA की बैठक में यह भी बताया गया कि 8वें वेतन आयोग में मुख्य भत्तों जैसे मकान किराया भत्ता (HRA), यात्रा भत्ता (TA), महंगाई भत्ता (DA) और चिकित्सा भत्ते की समीक्षा की जाएगी। मेट्रो शहरों में HRA की दरें अधिक रखने की संभावना है, ताकि वहां रहने वाले कर्मचारियों को आर्थिक लाभ मिल सके।


ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों के लिए यात्रा भत्ते की गणना अलग से की जा सकती है, जिससे उनकी विशेष आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।


फिटमेंट फैक्टर और DA विलय पर विचार

पिछले वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे न्यूनतम वेतन ₹18,000 निर्धारित किया गया था। अब इसे 2.8 से बढ़ाकर 3.0 करने पर विचार किया जा रहा है। यदि ऐसा होता है, तो न्यूनतम वेतन ₹26,000 से ₹27,000 तक जा सकता है।


सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन डीए को मूल वेतन में मिलाने पर भी चर्चा चल रही है। इससे कुल वेतन पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन भविष्य में डीए वृद्धि की दर कम हो सकती है।


आयोग का गठन और टीओआर पर निर्णय

आठवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू होने में कुछ समय लग सकता है, क्योंकि आयोग का औपचारिक गठन और टीओआर पर निर्णय अभी बाकी है। आमतौर पर आयोग के गठन से लेकर सिफारिशों के लागू होने तक 18 से 24 महीने का समय लगता है।


इसलिए, 1 जनवरी 2026 की तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है। अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि सरकार 8वें वेतन आयोग के संबंध में कब नई घोषणा करेगी।


अतिरिक्त जानकारी

यह भी पढ़े: ATM Fraud: अगर आप भी करते हैं ATM का प्रयोग तो हो जाएं सावधान