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9/11 आतंकवादी हमले की 24वीं वर्षगांठ: एक भयावह दिन की यादें

11 सितंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमले ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। इस दिन ने न केवल अमेरिका, बल्कि वैश्विक सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को भी प्रभावित किया। 24वीं वर्षगांठ पर, हम इस हमले की घटनाओं, उसके पीछे के कारणों और उसके परिणामों पर एक नजर डालते हैं। जानें कैसे इस दिन ने इतिहास को बदल दिया और आज भी इसकी यादें लोगों को दहला देती हैं।
 

9/11 आतंकवादी हमला

11 सितंबर 2001 की सुबह ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया। अलकायदा से जुड़े 19 आतंकवादियों ने चार अमेरिकी यात्री विमानों का अपहरण किया और उन्हें हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। दो विमानों को न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टॉवर से टकरा दिया गया, जिससे कुछ ही घंटों में दोनों इमारतें धराशायी हो गईं। यह दृश्य इतना भयानक था कि लोग टीवी पर इसे देखकर स्तब्ध रह गए।


हमले का विवरण

इस दौरान तीसरा विमान पेंटागन से टकराया, जो अमेरिकी सैन्य शक्ति का प्रतीक है, जबकि चौथा विमान यात्रियों के प्रतिरोध के कारण पेंसिल्वेनिया के एक खेत में गिर गया। इस हमले में लगभग 3,000 लोगों की जान गई, जिनमें 90 देशों के नागरिक शामिल थे। 9/11 ने न केवल अमेरिका, बल्कि पूरी दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ एक बड़ा सबक सिखाया।


24वीं वर्षगांठ का स्मरण

9/11 हमलों की 24वीं वर्षगांठ से पहले, निचले मैनहट्टन में ट्रिब्यूट इन लाइट को रोशन किया गया।


हमले की योजना

अलकायदा के 19 आतंकियों ने चार वाणिज्यिक विमानों का अपहरण किया। इन विमानों को बॉक्स-कटर और चाकुओं की मदद से कब्जे में लिया गया। आतंकियों का उद्देश्य अमेरिका के महत्वपूर्ण प्रतीकों को निशाना बनाना था।


ट्विन टॉवर का महत्व

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर आर्थिक शक्ति और वैश्वीकरण का प्रतीक था। अलकायदा ने इसे निशाना बनाकर अमेरिका की आर्थिक ताकत को चुनौती दी। कुछ ही घंटों में दोनों 110 मंजिला टॉवर मलबे में बदल गए।


पेंटागन पर हमला

तीसरा विमान वर्जीनिया में अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन से टकराया। यह हमला अमेरिका की सैन्य शक्ति पर सीधा प्रहार था। यूनाइटेड फ्लाइट 93 के यात्रियों ने आतंकियों का मुकाबला किया, जिससे विमान अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सका और खेत में क्रैश हो गया।


नुकसान का आकलन

इस हमले में 2,977 लोग मारे गए। इनमें से 2,753 लोग न्यूयॉर्क में, 184 पेंटागन में और 40 चौथे विमान में थे। हजारों लोग घायल हुए और कई अग्निशामक व पुलिस अधिकारी भी शहीद हो गए।


अलकायदा का उद्देश्य

ओसामा बिन लादेन के नेतृत्व वाला अलकायदा अमेरिका को दुश्मन मानता था। उसका उद्देश्य मुस्लिम देशों की सरकारों को गिराना और अमेरिकी प्रभाव को समाप्त करना था।


ट्विन टॉवर का इतिहास

1973 में बने ट्विन टॉवर उस समय दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में शामिल थे। यहां 430 कंपनियां और लगभग 35,000 कर्मचारी काम करते थे।


आतंक के खिलाफ युद्ध

इस हमले के बाद अमेरिका ने 'War on Terror' यानी आतंक के खिलाफ युद्ध की शुरुआत की। सुरक्षा कानून सख्त हुए और एयरपोर्ट सुरक्षा की तस्वीर बदल गई।


अलकायदा का पतन

2011 में अमेरिका ने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा बिन लादेन को मार गिराया। आज अलकायदा कमजोर हो चुका है, लेकिन 9/11 की यादें आज भी दुनिया के दिलों को दहला देती हैं।