×

98 वर्षीय किसान चंद्र ने फसल खराबे के मुआवजे का मुकदमा जीता

98 वर्षीय किसान चंद्र ने तीन साल तक अदालत में संघर्ष किया और अंततः फसल खराबे के मुआवजे का मुकदमा जीत लिया। उन्होंने 2,57,418 रुपये का मुआवजा प्राप्त किया, जो उनकी धैर्य और साहस का प्रतीक है। जानें कैसे उन्होंने जलभराव के कारण नष्ट हुई अपनी फसल के लिए न्याय प्राप्त किया।
 

किसान चंद्र की अदम्य इच्छाशक्ति


  • फसल बीमा बैंक ऑफ बड़ौदा के माध्यम से 13 दिसंबर 2019 को कराया गया था।


जींद। गांव भैरोखेड़ा के 98 वर्षीय किसान चंद्र ने अदम्य साहस के साथ तीन साल तक अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ी। उन्होंने उपभोक्ता आयोग जींद में एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के खिलाफ फसल खराबे के मुआवजे का मुकदमा जीता और 2,57,418 रुपये का मुआवजा प्राप्त किया।


जलभराव से फसल का नुकसान

बुजुर्ग किसान चंद्र ने 13 दिसंबर 2019 को बैंक ऑफ बड़ौदा के जरिए अपनी 10 एकड़ गेहूं फसल का बीमा कराया था। इसके बाद उनकी फसल जलभराव के कारण नष्ट हो गई। किसान ने कृषि विभाग और बीमा कंपनी के कार्यालयों के चक्कर लगाए, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। अंततः उन्होंने अधिवक्ता रणबीर नरवाल की मदद से 23 फरवरी 2021 को जिला उपभोक्ता अदालत में मुकदमा दायर किया। लगभग तीन वर्षों की कानूनी लड़ाई के बाद, उपभोक्ता आयोग ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया।


मुआवजे का आदेश

उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष एके सरदाना की पीठ ने 7 जून 2024 को बीमा कंपनी को जवाबदेह ठहराते हुए किसान को 2,57,418 रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया। इसके साथ ही, कानूनी खर्च और मानसिक पीड़ा के लिए 20,000 रुपये भी देने का निर्देश दिया गया।


इस उम्र में भी किसान ने धैर्य बनाए रखा और उन सभी के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया जो हार के डर से हार मान लेते हैं। जब उन्होंने एडवोकेट रणबीर सिंह नरवाल के साथ चेक प्राप्त किया, तो उनके चेहरे पर खुशी की चमक थी। उपभोक्ता अदालत और अपने वकील का धन्यवाद करते हुए किसान ने कहा कि उन्होंने अंग्रेजों का शासन भी देखा है और आजादी के बाद उन्हें यह अनुभव हो रहा है कि देश का कानून सभी नागरिकों की सुरक्षा और न्याय के लिए है।