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Airtel ने कम कीमत वाले प्रीपेड रिचार्ज पैक बंद किए, उपभोक्ताओं पर पड़ेगा असर

Airtel ने अपने दो सस्ते प्रीपेड रिचार्ज पैक, 121 रुपये और 181 रुपये, को बंद कर दिया है, जो कि ग्राहकों के बीच काफी लोकप्रिय थे। इस कदम को अप्रत्यक्ष टैरिफ वृद्धि के रूप में देखा जा रहा है। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय कंपनी की राजस्व बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। अब ग्राहकों को अधिक कीमत वाले पैक्स चुनने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। जानें इस बदलाव का ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा और भविष्य में क्या संभावनाएँ हैं।
 

Airtel के रिचार्ज पैक में बदलाव

भारत की प्रमुख टेलीकॉम कंपनी Airtel ने अपने दो सस्ते प्रीपेड रिचार्ज पैक को बंद कर दिया है। 121 रुपये और 181 रुपये के ये पैक उन ग्राहकों के बीच काफी लोकप्रिय थे, जो कम कीमत में डेटा और 30 दिन की वैधता की तलाश में थे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अप्रत्यक्ष रूप से टैरिफ वृद्धि के रूप में देखा जा सकता है, क्योंकि कंपनियां बिना कीमत बढ़ाए ग्राहकों को महंगे विकल्पों की ओर धकेल रही हैं।


प्लान बंद करने का कारण

121 रुपये और 181 रुपये के पैक सस्ते दाम में अच्छे लाभ प्रदान करते थे। उद्योग के जानकारों के अनुसार, सस्ते प्लान हटाने का उद्देश्य राजस्व में वृद्धि करना हो सकता है, क्योंकि भारत में डेटा की कीमतें दुनिया में सबसे कम हैं और कंपनियां अपने औसत प्रति उपयोगकर्ता आय को बढ़ाने की रणनीति अपना रही हैं।


121 रुपये पैक की विशेषताएँ

टेलीकॉम उद्योग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, 121 रुपये का पैक 30 दिन की वैधता के साथ आता था। इसमें कुल 8GB डेटा शामिल था, जिसमें से 6GB मुख्य पैक में और अतिरिक्त 2GB Airtel Thanks ऐप से रिचार्ज करने पर मिलता था।


181 रुपये पैक के लाभ

यह पैक कम खर्च में अधिक सुविधाएँ प्रदान करता था। इसमें 30 दिन की वैधता, 15GB हाई स्पीड डेटा और Airtel Xstream Play Premium का 30 दिन तक मुफ्त एक्सेस शामिल था। यह डिजिटल मनोरंजन पसंद करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए एक आकर्षक विकल्प था।


बचे हुए 30 दिन वाले प्लान

एयरटेल की वेबसाइट और उद्योग रिपोर्टों के अनुसार, अब कंपनी के पास 30 दिन की वैधता वाले केवल चार डेटा पैक बचे हैं, जिनकी कीमत 100 रुपये, 161 रुपये, 195 रुपये और 361 रुपये है।


ग्राहकों पर प्रभाव

विश्लेषकों का कहना है कि एयरटेल का यह कदम राजस्व बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। सस्ते विकल्पों की कमी से ग्राहकों पर हर महीने रिचार्ज खर्च बढ़ सकता है। इसके अलावा, इस तरह के निर्णय प्रतिस्पर्धी कंपनियों को भी सस्ते पैक वापस लाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।


भविष्य की संभावनाएँ

टेलीकॉम क्षेत्र में आने वाले महीनों में प्राइसिंग में बदलाव देखने को मिल सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कंपनियां नए बंडल प्लान, OTT साझेदारियां और लॉयल्टी आधारित ऑफर पेश कर सकती हैं ताकि उपयोगकर्ताओं की असंतोष को कम किया जा सके।