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Axiom-4 मिशन: शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष यात्रा, भारत के लिए महत्वपूर्ण

NASA का Axiom-4 मिशन आज लॉन्च होने जा रहा है, जिसमें भारत के शुभांशु शुक्ला सहित अंतरिक्ष यात्री ISS के लिए रवाना होंगे। यह मिशन भारत के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यह देश की स्पेस प्रोब्स क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगा। इस मिशन के तहत 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किए जाएंगे, जिनमें भारत और NASA के संयुक्त प्रयास शामिल हैं। शुभांशु शुक्ला की भूमिका इस मिशन में महत्वपूर्ण होगी, जो भारत के गगनयान मिशन के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है।
 

Axiom-4 मिशन का लॉन्च

Axiom-4 Mission: NASA ने घोषणा की है कि आज (25 जून) Axiom-4 मिशन को लॉन्च किया जाएगा। इस मिशन में भारत, हंगरी और पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होंगे। यह मिशन भारत के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि लंबे समय बाद कोई भारतीय अंतरिक्ष यात्री ISS की यात्रा करेगा। इस मिशन में भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि इस मिशन को कई बार टाला गया था, लेकिन अब सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। पूरी दुनिया की नजरें NASA के इस Axiom-4 मिशन के लॉन्च पर टिकी हुई हैं।


भारत में उत्साह का माहौल

भारत में Axiom-4 मिशन को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। यह मिशन भारत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके माध्यम से भारत अपनी स्पेस प्रोब्स की क्षमताओं को बढ़ा सकता है और वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकता है।


मिशन के वैज्ञानिक प्रयोग

Axiom-4 मिशन के तहत इन तीन देशों के अंतरिक्ष यात्री ISS पर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। इसमें 31 देशों के वैज्ञानिक और संस्थान शामिल हैं। इनमें से 12 प्रयोग भारत और NASA के सहयोग से किए जाएंगे, जो बायो साइंस, मानव स्वास्थ्य, स्पेस लाइफ सिस्टम और उन्नत तकनीक पर आधारित होंगे। इन प्रयोगों में भारत के 7 और अमेरिका के 5 शोध परियोजनाएं शामिल हैं। शुभांशु शुक्ला के इस मिशन में शामिल होने से भारत को काफी लाभ होगा। उनके अनुभव से भारत के गगनयान मिशन के अंतरिक्ष यात्रियों की ट्रेनिंग और मिशन डिजाइन में मदद मिलेगी।


शुभांशु शुक्ला की भूमिका

इस मिशन में शुभांशु शुक्ला पायलट के रूप में कार्य करेंगे। मिशन की कमान NASA की पूर्व अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन संभालेंगी, जो Axiom Space में ह्यूमन स्पेस फ्लाइट की निदेशक हैं। इसके अलावा, यूरोपीय स्पेस एजेंसी के स्लावोस्ज उज्नान्स्की-विल्निविस्की और हंगरी के टिबोर कापू भी इस मिशन का हिस्सा होंगे।