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Bareilly Riots: पुलिस ने उपद्रवियों की निगरानी के लिए खोले निगरानी कार्ड

Bareilly में हाल ही में हुए दंगों के संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस ने निगरानी कार्ड खोलने की प्रक्रिया शुरू की है। मौलाना तौकीर रजा और नफीस अहमद के कार्ड पहले ही खोले जा चुके हैं। जानें निगरानी कार्ड क्या होते हैं और पुलिस की तैयारी के बारे में।
 

Bareilly Riots: उपद्रवियों पर कड़ी नजर

Bareilly Riots: हाल ही में हुए दंगों में शामिल संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) ने उनके निगरानी कार्ड खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस प्रशासन एक-एक करके उन उपद्रवियों की पहचान कर रहा है जिनका निगरानी कार्ड खोलना आवश्यक समझा जा रहा है। जैसे ही ये कार्ड खोले जाएंगे, उपद्रवियों का नाम एलआईयू के रिकॉर्ड में स्थायी रूप से दर्ज हो जाएगा, जिससे उनकी गतिविधियों पर पुलिस की कड़ी नजर बनी रहेगी.


इस कार्रवाई के तहत मौलाना तौकीर रजा और नफीस अहमद के निगरानी कार्ड पहले ही खोले जा चुके हैं और उनकी फाइलें सक्रिय कर दी गई हैं। यह दर्शाता है कि इन व्यक्तियों पर पुलिस की पैनी नजर है और उनकी गतिविधियों पर नियंत्रण रखा जा रहा है.


निगरानी कार्ड का महत्व

निगरानी कार्ड क्या है?


पुलिस के अनुसार, निगरानी कार्ड उन व्यक्तियों के लिए खोले जाते हैं जिनके कार्यों को संदिग्ध माना जाता है। जब प्रशासन को लगता है कि किसी व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखना आवश्यक है, तो एलआईयू उसके नाम से निगरानी कार्ड बनाकर उसे अपने रिकॉर्ड में दर्ज कर लेती है। यह एक प्रशासनिक दस्तावेज है, जो संदिग्धों की पहचान और गतिविधियों को ट्रैक करने में सहायक होता है.


फाइल खोलने की प्रक्रिया

फाइल खोलने की प्रक्रिया


जब निगरानी कार्ड खोला जाता है और यदि व्यक्ति में सुधार की कोई संभावना नहीं दिखती, तो एलआईयू उसकी फाइल खोल देती है। फाइल खुलने का अर्थ है कि संबंधित व्यक्ति की गतिविधियों पर और भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी। पुलिस और एलआईयू की टीम मिलकर उस व्यक्ति की हर गतिविधि पर नजर रखती है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत रोका जा सके.


पुलिस की वर्तमान स्थिति

पुलिस की तैयारी


अब तक मौलाना तौकीर रजा और नफीस अहमद के निगरानी कार्ड खोले जा चुके हैं और उनकी फाइलें भी खोली गई हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, ये दोनों व्यक्ति पुलिस प्रशासन की सतत निगरानी में हैं और उनकी गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है। एलआईयू के अधिकारी इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने में जुटे हैं ताकि उपद्रवों में शामिल अन्य संदिग्धों की पहचान की जा सके और समय पर कार्रवाई की जा सके.