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Bareilly में 'I Love Mohammad' पोस्टर विवाद: ओवैसी ने उठाए गंभीर सवाल

उत्तर प्रदेश के बरेली में 'I Love Mohammad' पोस्टर विवाद ने तनाव पैदा कर दिया है। पिछले हफ्ते जुमे की नमाज के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों में हिंसा भड़क गई, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, सवाल उठाते हुए कि 'I Love Modi' कहने पर कोई विवाद नहीं होता, लेकिन 'I Love Mohammad' कहने पर हंगामा क्यों होता है। ओवैसी ने पुलिस पर पक्षपात का आरोप भी लगाया है। प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए कई उपाय किए हैं।
 

Bareilly में तनाव जारी

Bareilly पोस्टर विवाद: उत्तर प्रदेश के बरेली में 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर को लेकर उत्पन्न तनाव अभी भी समाप्त नहीं हुआ है। पिछले हफ्ते जुमे की नमाज के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों में हिंसा भड़क गई, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हुए और पथराव की घटनाएं भी हुईं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और अब तक 81 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दशहरा और शुक्रवार की नमाज को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने बरेली क्षेत्र के चार जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है.


ओवैसी की तीखी प्रतिक्रिया

ओवैसी का सवाल

इस बीच, एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस घटनाक्रम पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। हैदराबाद में एक जनसभा में उन्होंने कहा कि भारत में 'आई लव मोदी' कहने पर कोई विवाद नहीं होता, लेकिन 'आई लव मोहम्मद' कहने पर हंगामा खड़ा हो जाता है। उन्होंने सवाल किया कि देश को किस दिशा में ले जाया जा रहा है। ओवैसी ने तर्क दिया कि अगर कोई व्यक्ति पैगंबर मोहम्मद से प्रेम व्यक्त करता है, तो इसमें आपत्ति क्यों की जाती है.


पुलिस पर पक्षपात का आरोप

पुलिस पर पक्षपात का आरोप

ओवैसी ने कुछ वायरल वीडियो का उल्लेख करते हुए कहा कि पुलिस प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज करती है, जबकि कुछ दुकानदारों द्वारा पुलिस पर फूल बरसाने जैसी घटनाएं भी देखी गईं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस केवल सत्ता में बैठे नेताओं के प्रति जवाबदेह है, जनता के प्रति नहीं.


पैगंबर मोहम्मद का नाम अद्वितीय

मोहम्मद का नाम अद्वितीय

अपने भाषण में ओवैसी ने कहा कि पैगंबर मोहम्मद का नाम पूरी दुनिया में अद्वितीय है और उनका सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर कोई उनके पोस्टर लगाता है, तो उसमें समस्या क्या है? उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा कि नए कानून बनाने की आवश्यकता क्यों है और इन विवादों के पीछे असली मंशा क्या है.


कानपुर से शुरू हुआ विवाद

कानपुर और बरेली से जुड़ा विवाद

यह विवाद कानपुर से शुरू हुआ, जब 9 सितंबर को एक एफआईआर दर्ज की गई। इसमें आरोप लगाया गया था कि बारावफात जुलूस के दौरान सार्वजनिक सड़क पर 'आई लव मोहम्मद' बोर्ड लगाए गए। इसी एफआईआर के विरोध में मौलाना तौकीर रजा खान ने बरेली में प्रदर्शन का आह्वान किया। प्रदर्शन रद्द होने के बावजूद बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और हालात बिगड़ गए.


ओवैसी की पुरानी टिप्पणी

ओवैसी की पुरानी टिप्पणी

ओवैसी ने पहले भी सवाल उठाया था कि 'आई लव मोहम्मद' लिखने को राष्ट्र-विरोधी कैसे माना जा सकता है। बिहार के पूर्णिया में एक सभा में उन्होंने कहा था, अगर कोई 'आई लव महादेव' लिखे तो उसमें कोई समस्या नहीं है। तो फिर 'आई लव मोहम्मद' पर आपत्ति क्यों? इसमें हिंसा या राष्ट्र-विरोध कहां है? उन्होंने जोर देकर कहा कि एक मुसलमान का ईमान तभी पूरा होता है जब वह पैगंबर मोहम्मद से दुनिया की हर चीज से ज्यादा मोहब्बत करे.


शांति की अपील

दरगाह से शांति की अपील

तनावपूर्ण माहौल के बीच बरेली की आला हज़रत दरगाह के वरिष्ठ मौलवी ने मुसलमानों से अपील की कि वे जुमे की नमाज अदा करने के बाद शांति से अपने घर लौट जाएं। प्रशासन ने एहतियातन पीएसी और आरएएफ के जवानों को तैनात कर दिया है। ड्रोन के जरिए भी निगरानी रखी जा रही है ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके.