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Bareilly में जुमे की नमाज के बाद बवाल: पुलिस पर पथराव और हालात बिगड़े

उत्तर प्रदेश के बरेली में जुमे की नमाज के बाद अचानक हालात बिगड़ गए। बड़ी संख्या में लोग नारेबाजी करते हुए इस्लामिया ग्राउंड की ओर बढ़े, जिससे तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन उपद्रवियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इसके जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
 

बरेली में तनावपूर्ण स्थिति

बरेली में हालात बिगड़े: उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद अचानक स्थिति बिगड़ गई। बड़ी संख्या में लोग हाथों में 'आई लव मोहम्मद' लिखी तख्तियां और पोस्टर लेकर इस्लामिया ग्राउंड और खलील स्कूल चौक की ओर बढ़ने लगे। जैसे ही भीड़ वहां पहुंची, माहौल तनावपूर्ण हो गया।


पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन लोग बेकाबू हो गए और स्थिति हिंसक हो गई। इस दौरान कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इसके जवाब में पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया और लोग इधर-उधर भागने लगे।


पुलिस पर हमले की घटना

पुलिस पर पथराव


नमाज के बाद एक बड़ी भीड़ खलील तिराहे तक पहुंची और इस्लामिया ग्राउंड की ओर बढ़ने लगी। पहले से तैनात पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रास्ता रोक दिया। इस पर उपद्रवियों ने न केवल पुलिस पर पथराव किया, बल्कि आसपास खड़ी दो मोटरसाइकिलों को भी नुकसान पहुंचाया और एक दुकान पर भी हमला किया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया और लाठियां चलाईं। इसके बाद भीड़ तितर-बितर हो गई, और सड़कों पर जूते-चप्पल और पत्थर बिखरे रह गए, जो हिंसा की गंभीरता को दर्शाते हैं.


प्रशासन की प्रतिक्रिया

घटना की सूचना मिलते ही डीआईजी अजय साहनी और एसपी सिटी समेत प्रशासनिक अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे। हालात सामान्य होने के बाद पुलिस ने इलाके में फ्लैग मार्च किया। इस समय क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और प्रशासन का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है।


घटना की पृष्ठभूमि

घटना की पृष्ठभूमि


असल में, इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने 26 सितंबर को घोषणा की थी कि जुमे की नमाज के बाद नामूसे-रिसालत के मुद्दे पर इस्लामिया ग्राउंड से कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च किया जाएगा। इसी घोषणा के बाद प्रशासन ने सुरक्षा इंतजाम मजबूत कर दिए थे। शहर में एहतियातन पांच एडिशनल एसपी, 13 सीओ और लगभग 4700 जवानों की तैनाती की गई थी। इसके साथ ही इलाके की निगरानी के लिए सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों की व्यवस्था की गई थी.


पुलिस के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान अचानक कुछ उपद्रवियों ने स्थिति को बिगाड़ने का प्रयास किया, जिसके चलते भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.