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BRICS मंच पर आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत स्थिति, पाकिस्तान की बढ़ती अलगाव की चिंता

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद BRICS संसदीय मंच ने एकजुटता से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का संकल्प लिया है। भारत की कूटनीतिक जीत के रूप में देखे जाने वाले इस निर्णय ने पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को कमजोर किया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने आतंकवाद को वैश्विक संकट बताते हुए चार महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जोर दिया। इस लेख में जानें कि कैसे भारत ने मुस्लिम देशों के समर्थन से आतंकवाद के खिलाफ एक ठोस कदम उठाया है।
 

जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में तीव्र प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में आयोजित BRICS संसदीय मंच ने इस हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का संकल्प लिया। यह निर्णय भारत की कूटनीतिक रणनीति की एक महत्वपूर्ण जीत मानी जा रही है, खासकर जब इसमें चीन और कई मुस्लिम देश भी शामिल हैं। यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को अलग-थलग महसूस कर रहा है.


BRICS मंच में भारत की भूमिका

BRICS संसदीय मंच में भारत, ब्राजील, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ-साथ ईरान, यूएई, मिस्र, इथियोपिया और इंडोनेशिया के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। भारत की ओर से लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने इस मंच का नेतृत्व किया। उन्होंने अपने भाषण में आतंकवाद को एक वैश्विक संकट बताया और इससे निपटने के लिए चार महत्वपूर्ण बिंदुओं को साझा किया।


आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम

बिड़ला ने कहा कि आतंकवादी संगठनों की वित्तीय सहायता को पूरी तरह से समाप्त करना, खुफिया सूचनाओं का आदान-प्रदान करना, तकनीकी दुरुपयोग को रोकना और जांच तथा न्यायिक प्रक्रियाओं में वैश्विक सहयोग आवश्यक है। BRICS देशों ने इन बिंदुओं पर सहमति जताई और इन्हें संयुक्त घोषणा पत्र में शामिल किया।


ऑपरेशन सिंदूर की सफलता

इस घटनाक्रम को भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के रूप में भी देखा जा रहा है। इस ऑपरेशन के तहत भारत ने एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का गठन किया था, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को वैश्विक स्तर पर उजागर करना था। इसी रणनीति का परिणाम है कि अब मुस्लिम देशों के प्रतिनिधि भी पाकिस्तान की नीतियों से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं।


आतंकवाद पर वैश्विक सहमति

लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि BRICS देशों ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की है और आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने पर जोर दिया है। सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वैश्विक व्यापार, अंतर-संसदीय सहयोग और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई।


पाकिस्तान की स्थिति

हालांकि BRICS मंच पर पाकिस्तान की भूमिका का सीधे तौर पर उल्लेख नहीं किया गया, लेकिन जिस तरह से मुस्लिम देशों और चीन ने आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के प्रस्तावों का समर्थन किया, उससे पाकिस्तान की वैश्विक स्थिति कमजोर होती दिखाई दे रही है।