BSF ने जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की कोशिश को किया नाकाम, ड्रोन स्क्वाड्रन की तैनाती
घुसपैठ की कोशिश का विफल होना
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा पर सोमवार को बीएसएफ के जवानों ने एक घुसपैठ की कोशिश को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया। यह घटना हीरानगर सेक्टर में चंदवान और कोठे सीमा चौकियों के बीच हुई, जहां शाम लगभग चार बजे संदिग्ध गतिविधियों का पता चला। अधिकारियों के अनुसार, एक समूह ने अंधेरे का लाभ उठाकर भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास किया।
चेतावनी के बावजूद घुसपैठियों का भागना
बीएसएफ के जवानों ने घुसपैठियों को सीमा पार करते हुए देखा और उन्हें रुकने के लिए कई बार चेतावनी दी। लेकिन जब वे नहीं रुके, तो जवानों ने गोलियां चलाईं, जिससे एक व्यक्ति घायल हो गया। अन्य घुसपैठिए मौके से भागने में सफल रहे। अधिकारियों ने बताया कि घायल घुसपैठिए को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसकी पहचान अभी की जा रही है।
बीएसएफ की तत्परता से टला बड़ा खतरा
बीएसएफ की त्वरित कार्रवाई ने एक संभावित सुरक्षा खतरे को टाल दिया। भारत-पाकिस्तान सीमा पर ऐसे प्रयास अक्सर होते रहते हैं, जिनका उद्देश्य आतंकवाद, हथियारों की तस्करी या नशीले पदार्थों की तस्करी करना हो सकता है। बीएसएफ की सतर्कता और तेज प्रतिक्रिया ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि भारत की सीमाएं सुरक्षित हाथों में हैं।
ड्रोन स्क्वाड्रन की नई तैनाती
हाल ही में, बीएसएफ ने एक नई रणनीति के तहत भारत-पाकिस्तान सीमा पर 'ड्रोन स्क्वाड्रन' की तैनाती शुरू की है। यह पहली बार है जब सीमा पर निगरानी और आक्रमण दोनों कार्यों के लिए मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) का उपयोग किया जा रहा है। इस स्क्वाड्रन में विभिन्न प्रकार के ड्रोन शामिल हैं, जिनमें टोही, निगरानी और हमलावर क्षमताओं वाले ड्रोन प्रमुख हैं। इनका संचालन विशेष रूप से प्रशिक्षित कर्मियों द्वारा किया जाता है।
ऑपरेशन सिंदूर के अनुभव से मिली प्रेरणा
सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मिली सीख के आधार पर बीएसएफ ने अपनी चौकियों और सुरक्षा व्यवस्थाओं को और मजबूत करना शुरू कर दिया है। ड्रोन स्क्वाड्रन का गठन भी इसी रणनीतिक बदलाव का हिस्सा है, जो भविष्य में किसी भी प्रकार की हवाई या सीमा पार से होने वाली गतिविधियों का सामना करने में सहायक होगा।
चंडीगढ़ से ड्रोन स्क्वाड्रन का संचालन
बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि यह स्क्वाड्रन चंडीगढ़ स्थित पश्चिमी कमान मुख्यालय से संचालित किया जा रहा है। यहीं से सभी ड्रोन की निगरानी और संचालन नियंत्रित किया जाता है। इसके माध्यम से सीमा पर किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सकती है।