CDS जनरल अनिल चौहान का सुरक्षा चुनौतियों पर महत्वपूर्ण बयान
सुरक्षा चुनौतियों पर CDS का बयान
CDS जनरल अनिल चौहान का बयान: गोरखपुर में शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने सुरक्षा से संबंधित चुनौतियों पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि भारत के लिए चीन के साथ सीमा विवाद सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है, जो लंबे समय तक जारी रहने की संभावना है। जनरल चौहान ने कहा, 'चुनौतियाँ अस्थायी नहीं होतीं, वे विभिन्न रूपों में आती रहती हैं।' उन्होंने स्पष्ट किया कि 'मुझे लगता है कि चीन के साथ सीमा विवाद भारत की सबसे बड़ी चुनौती है और यह आगे भी बनी रहेगी।'
इसके अलावा, उन्होंने पाकिस्तान की 'प्रॉक्सी वॉर' को भारत के लिए दूसरी बड़ी चुनौती बताया। जनरल चौहान ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा 'हजार जख्म देकर भारत को खून बहाने' की नीति पर काम करता है, जिसके तहत वह आतंकवाद और घुसपैठ को बढ़ावा देता है। उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध के स्वरूप में बदलाव आया है, और अब लड़ाई केवल भूमि तक सीमित नहीं है, बल्कि साइबर और अंतरिक्ष भी युद्ध के नए क्षेत्र बन गए हैं।
परमाणु शक्ति संपन्न विरोधियों का सामना
विरोधी देशों की परमाणु शक्ति: जनरल चौहान ने यह भी बताया कि भारत के दोनों प्रमुख विरोधी देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई का निर्णय हमेशा चुनौतीपूर्ण रहेगा। उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' का उल्लेख किया, जिसे भारत ने इस वर्ष मई में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ढांचों को निशाना बनाने के लिए अंजाम दिया था। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी। उन्होंने कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य बदला लेना नहीं था, बल्कि धैर्य की एक लाल रेखा खींचना था।'
साइबर युद्ध में सामरिक सहयोग
साइबर युद्ध के साधनों का उपयोग: जनरल चौहान ने बताया कि इस ऑपरेशन में तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल था और यह एक मल्टी-डोमेन ऑपरेशन था, जिसमें साइबर युद्ध के साधनों का भी इस्तेमाल किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि सेना को इस दौरान पूरी तरह से ऑपरेशनल स्वतंत्रता दी गई थी, चाहे वह योजना बनाना हो या लक्ष्य तय करना। गोरखपुर दौरे के दौरान CDS चौहान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ गोरखा वॉर मेमोरियल के पुनर्निर्माण और गोरखा म्यूजियम की आधारशिला रखी। इसके अलावा, उन्होंने गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना भी की।