CJI BR Gavai पर जूता फेंकने की कोशिश: क्या है पूरा मामला?
सुप्रीम कोर्ट में विवादित घटना
CJI BR Gavai पर हमला: सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक चौंकाने वाली घटना घटी, जब एक 71 वर्षीय वकील ने मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई की ओर जूता फेंकने का प्रयास किया। यह घटना कोर्ट में उपस्थित सभी लोगों के लिए बेहद चौंकाने वाली थी, लेकिन मुख्य न्यायाधीश ने इसे संयम और धैर्य के साथ संभाला। बताया जा रहा है कि यह विवाद सीजेआई गवई की भगवान विष्णु से संबंधित टिप्पणी के कारण उत्पन्न हुआ था, जिस पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी.
CJI Gavai की संतुलित प्रतिक्रिया
घटना के तुरंत बाद, सीजेआई गवई ने शांत और संतुलित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कोर्ट में उपस्थित वकीलों से कहा कि वे अपनी दलीलें जारी रखें और इस प्रकार की घटनाओं से विचलित न हों। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे कृत्य उनके मनोबल को नहीं तोड़ सकते और वे न्याय के मार्ग पर अडिग रहेंगे। उनका यह रुख संविधान की गरिमा और न्याय व्यवस्था की मर्यादा बनाए रखने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
प्रधानमंत्री मोदी की चिंता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए कहा कि यह घटना केवल सीजेआई पर नहीं, बल्कि पूरे देश की न्याय व्यवस्था पर हमला है। उन्होंने इसे 'घृणित' और 'निंदनीय' करार देते हुए कहा कि समाज में ऐसी हरकतों के लिए कोई स्थान नहीं है। साथ ही, उन्होंने न्यायमूर्ति गवई के धैर्य और संयम की सराहना की, जो उनके संविधान और न्याय के प्रति निष्ठा को दर्शाता है.
सोनिया गांधी की प्रतिक्रिया
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश पर इस प्रकार का हमला केवल एक व्यक्ति पर नहीं, बल्कि संविधान और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सीधा हमला है। सोनिया गांधी ने न्यायमूर्ति गवई को नेक और दयालु व्यक्ति बताते हुए कहा कि इस समय पूरा देश उनके साथ खड़ा होना चाहिए. उन्होंने इसे 'लोकतंत्र के स्तंभों पर हमला' करार दिया.
घटना का पूरा विवरण
यह घटना तब हुई जब सुप्रीम कोर्ट में नियमित सुनवाई चल रही थी। एक 71 वर्षीय वकील, जिनकी पहचान अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है, ने कथित रूप से सीजेआई की ओर जूता फेंकने का प्रयास किया। हालांकि, जूता सीजेआई तक नहीं पहुंच सका और सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत स्थिति को संभाल लिया। उस वकील को हिरासत में ले लिया गया। बताया जा रहा है कि यह व्यक्ति सीजेआई की भगवान विष्णु से जुड़ी टिप्पणी से आहत था.
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस घटना की न केवल कानूनी बिरादरी, बल्कि पूरे राजनीतिक और सामाजिक वर्ग ने कड़ी निंदा की है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने इसे गंभीर हमला मानते हुए कहा कि देश में ऐसी असहिष्णुता की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले ऐसे कृत्यों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.