CP Radhakrishnan: उपराष्ट्रपति बनने की यात्रा, एक माँ का सपना और राजनीतिक सफलता
CP Radhakrishnan का उपराष्ट्रपति पद पर चयन
CP Radhakrishnan Vice President : भारत ने अपने 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में एक ऐसे नेता का चयन किया है, जिसका नाम उनके जन्म के समय से ही इतिहास से जुड़ा हुआ था। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने विपक्षी INDIA गठबंधन के उम्मीदवार न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी को हराकर इस महत्वपूर्ण पद पर विजय प्राप्त की है। यह ऐतिहासिक जीत न केवल राजनीतिक हलचलों का कारण बनी, बल्कि राधाकृष्णन के परिवार के लिए भी एक भावुक क्षण साबित हुई।
माँ का नाम और राष्ट्रपति राधाकृष्णन का प्रभाव
माँ ने रखा था नाम राष्ट्रपति राधाकृष्णन के नाम पर
सीपी राधाकृष्णन की माँ, जानकी अम्मल, जो एक शिक्षिका थीं, ने अपने बेटे का नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के नाम पर रखा। जब राधाकृष्णन का जन्म हुआ, उस समय डॉ. राधाकृष्णन राष्ट्रपति थे और जानकी अम्मल उनके शिक्षण कार्यों से बहुत प्रभावित थीं। उनके पति ने मजाक में पूछा था कि क्या वे चाहती हैं कि उनका बेटा भी राष्ट्रपति बने? अब, 62 साल बाद, उनकी बात सच होती दिखाई दी, यद्यपि राष्ट्रपति नहीं, लेकिन उपराष्ट्रपति बनकर राधाकृष्णन ने परिवार का सपना साकार किया।
निर्णायक जीत और विपक्ष का समर्थन
चुनाव में निर्णायक जीत, विपक्ष से भी मिला समर्थन
उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में सीपी राधाकृष्णन को निर्णायक बहुमत प्राप्त हुआ। उन्हें 452 पहले वरीयता के वोट मिले, जबकि इंडिया ब्लॉक के प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। इस प्रकार, राधाकृष्णन ने 152 मतों से जीत हासिल की। उल्लेखनीय है कि उन्हें केवल एनडीए सांसदों का ही नहीं, बल्कि विपक्ष के कुछ वर्गों का भी समर्थन मिला, जिससे यह चुनाव और भी दिलचस्प बन गया।
परिवार में खुशी का माहौल
परिवार में खुशी की लहर, भाई ने जताया गर्व
सीपी राधाकृष्णन की जीत से उनके परिवार में गर्व और खुशी का माहौल है। उनके भाई सीपी कुमारेश ने मीडिया से बातचीत में कहा कि यह केवल उनके परिवार के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए भी गर्व का क्षण है। उन्होंने विश्वास जताया कि राधाकृष्णन राज्यसभा के संचालन की जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और दक्षता से निभाएंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वास को कायम रखेंगे।
राजनीतिक अनुभव और संतुलित छवि
राजनीतिक अनुभव और संतुलित छवि
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक अनुभव और संयमित सार्वजनिक छवि उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाती है। वे पहले से ही भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रह चुके हैं और उनकी कार्यशैली में संतुलन, संवाद और नेतृत्व के गुण स्पष्ट रूप से देखे जाते हैं। उपराष्ट्रपति पद, जो राज्यसभा के सभापति की भूमिका भी निभाता है, के लिए ऐसे गुणों का होना अनिवार्य है।
एक नाम, एक सपना, और अब हकीकत
एक नाम, एक सपना, और अब हकीकत
सीपी राधाकृष्णन की यह जीत केवल एक राजनीतिक घटना नहीं, बल्कि एक भावनात्मक कहानी भी है - एक माँ की सोच, एक शिक्षक की प्रेरणा, और एक बेटे की मेहनत। यह घटना यह भी दर्शाती है कि समय, संयोग और संकल्प मिलकर कैसे किसी नाम को वास्तविकता में बदल सकते हैं। अब पूरा देश उन्हें उपराष्ट्रपति के रूप में एक नई भूमिका में देखेगा, जहाँ उनसे उम्मीद की जाती है कि वे न केवल संसद के ऊपरी सदन को सुचारु रूप से चलाएंगे, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को भी मजबूती देंगे।