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दिल्ली-एनसीआर व पश्चिमी उप्र में गांजे की सप्लाई करने वाला तस्कर गिरफ्तार, 50 लाख का गांजा बरामद

 


-उड़ीसा से कैंटर में छिपाकर ला रहा था गांजा, डासना में धरा गया

गाजियाबाद, 28 नवम्बर (हि.स.)। क्राइम ब्रांच व मसूरी थाने की पुलिस ने गुरुवार को मसूरी थाना क्षेत्र से 50 लाख रुपये के गांजे के साथ एक अन्तरराज्यीय गांजा तस्कर को गिरफ्तार किया है। इस गांजे को वह उड़ीसा से ला रहा था और दिल्ली एनसीआर व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उसकी सप्लाई करनी थी। लेकिन उसे पुलिस ने दबोच लिया। उसके कब्जे से 101 किलो 600 ग्राम गांजा तथा एक कैंटर वाहन बरामद किया है।

एडीसीपी सच्चिदानंद ने बताया कि क्राइम ब्रान्च पुलिस गुरुवार को उडीसा से लाकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश , दिल्ली एनसीआर क्षेत्र मे गाँजा तस्करी करने वाले अन्तरराज्यीय गांजा तस्कर को डासना से मुरादनगर जाने वाले रास्ते पर डी.एम.ई. अण्डरपास के नीचे थाना क्षेत्र मसूरी से गिरफ्तार किया है। उसका नाम सुरेंद्र है जो दसवीं पास है। वह मथुरा का रहने वाला है।

पूछताछ पर आरोपी सुरेन्द्र ने बताया कि उसकी पारिवारिक स्थिति बहुत खराब थी। इसीलिए यह बड़ी गाड़ी की ड्राइवरी का काम करके अपना घर चलाता था। लेकिन ड्राईविंग के काम में उसे ज्यादा फायदा नहीं होता था। ट्रक ड्राईवरी करते हुए वह दिल्ली, हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश से माल लोड करके उड़ीसा पश्चिम बंगाल ले जाता था। इसी दौरान भुवनेश्वर (उड़ीसा) में सुरेन्द्र की मुलाकात एक ऐसे ड्राइवर से हुई जो अन्य माल के साथ गांजे की तस्करी करता था। उसने सुरेन्द्र को गांजा तस्करी के बारे में बताया और कहा कि उड़ीसा से दूसरे राज्यों में गांजे की तस्करी करने में काफी फायदा होता है। उस ड्राइवर ने सुरेन्द्र को उड़ीसा के ही ओमवीर से मिलवाया जो उड़ीसा से देश के विभिन्न राज्यों में गांजे की तस्करी करता था। ओमवीर को भी ऐसा व्यक्ति चाहिये था जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर हरियाणा में गांजे की तस्करी कर सके और उसका कोई पुराना रिकार्ड न हो। गांजा तस्करी करने के लिए गांजा देकर जिस पार्टी को और जिस स्थान पर सप्लाई करनी होती थी वह पार्टी ओमवीर ही बताता था। उड़ीसा राज्य से गांजे की तस्करी करके सम्बंधित पार्टी तक पहुँचाने पर प्रत्येक चक्कर सुरेन्द्र को 40 से 50 हजार रुपये प्रति कुन्टल मिलते थे ।

आरोपी ने यह भी बताया कि वह कैन्टर गाड़ी में उड़ीसा से गांजा लोड करके चलता है तो अपना फोन बन्द कर लेता है और किसी से भी सम्पर्क नहीं करता है। जब तक कि माल को उसके तयशुदा जगह पर न पहुँचा दे। वह गाँजा तस्करी का काम पिछले करीब 4-5 वर्षों से कर रहा है। सुरेन्द्र ने कभी भी गांजा तस्करी के काम में किसी अन्य को शामिल नही किया और न ही अपने किसी जानने वाले को इस बारे में बताया है। गाँजा तस्करी के काम में कई गुना फायदा होता है जिससे यह अपने घर के खर्चे व शौक पूरा करता है। पुलिस ने विधिक कार्यवाही करते हुए उसे जेल भेज दिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / फरमान अली