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करनाल में बुजुर्ग दंपती के साथ साइबर ठगी का मामला: 15 लाख रुपये की ठगी

करनाल में एक बुजुर्ग दंपती को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट करके 15 लाख रुपये की ठगी का शिकार बना दिया। ठगों ने उन्हें डराया और फर्जी वर्चुअल कोर्ट का सहारा लेकर पैसे ट्रांसफर करवाए। इस घटना ने बुजुर्गों को ठगने के नए तरीकों को उजागर किया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
 

करनाल में बुजुर्ग दंपती का डिजिटल अरेस्ट

करनाल (क्राइम न्यूज़)। मान कॉलोनी में एक बुजुर्ग दंपती को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट करके 15 लाख रुपये की ठगी का शिकार बना दिया। ठगों ने उन्हें बताया कि उनके खाते में 22 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है और इसके लिए उन्होंने उनके व्हाट्सएप पर एक एफआईआर की कॉपी भेजी। इसके साथ ही बच्चों को नुकसान पहुंचाने की धमकी देकर उन्हें डराया गया।


जमानत याचिका खारिज करने का झांसा

तीन दिनों तक डिजिटल अरेस्ट के दौरान, ठगों ने एक फर्जी वर्चुअल कोर्ट का आयोजन किया और जमानत याचिका खारिज करने का झांसा दिया। दंपती इतने भयभीत हो गए कि उन्होंने 15 लाख रुपये ठगों के बताए खाते में ट्रांसफर कर दिए। जब उन्होंने अपने बच्चों को इस बारे में बताया, तो उन्होंने करनाल साइबर थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता जिले सिंह ने बताया कि 29 अक्टूबर को उन्हें व्हाट्सएप पर एक वीडियो कॉल आई थी।


साइबर ठगों का नया तरीका

साइबर अपराधी हर दिन नए तरीके से लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। विशेष रूप से, वे समृद्ध बुजुर्गों को निशाना बना रहे हैं। ठग बुजुर्गों को डराने के लिए फर्जी एफआईआर और पुलिस थाने का सहारा लेते हैं। लगातार तीन-चार दिन तक डिजिटल अरेस्ट के दौरान, वे बुजुर्गों से पैसे ट्रांसफर करवाते हैं। यह सब कुछ थाईलैंड, कंबोडिया और दुबई से संचालित होता है।


बुजुर्गों को ठगने की नई रणनीतियाँ

बुजुर्गों को डराने के लिए उन्हें बताया जाता है कि उनके आधार कार्ड से फर्जी खाता खोला गया है। इसके बाद, उन्हें लगातार व्हाट्सएप पर संपर्क में रहने के लिए मजबूर किया जाता है और किसी को बताने पर गिरफ्तारी की धमकी दी जाती है। इस प्रकार, बुजुर्ग ठगों के कहने पर काम करने लगते हैं। ठग अंततः उनके खाते की पूरी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।


पुलिस की कार्रवाई

बाद में, ठग वर्चुअल फर्जी कोर्ट दिखाकर उनसे पैसे मांगते हैं। जब यह राशि ठगों के बताए खाते में भेज दी जाती है, तब परिवार को इस ठगी का पता चलता है। इस वर्ष करनाल में डिजिटल अरेस्ट के दो मामले सामने आए हैं। पहले मामले में पुलिस ने आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया है और 25 लाख रुपये की रिकवरी की है।