कांचीपुरम में जघन्य अपराध: मां ने बच्चों की हत्या की योजना बनाई
कांचीपुरम की दिल दहला देने वाली घटना
क्राइम न्यूज़: कांचीपुरम, तमिलनाडु की निवासी अबिरामी के दो छोटे बच्चे थे, एक सात साल का बेटा अजय और चार साल की बेटी। उसके पति विजय एक बैंक में कार्यरत थे। अबिरामी को टिक टॉक पर वीडियो बनाने का शौक था, साथ ही उसे बिरयानी खाने का भी बहुत शौक था। पास में एक प्रसिद्ध बिरयानी स्टॉल था, जहाँ से वह अक्सर बिरयानी मँगवाती थी। यहीं से एक ऐसा खेल शुरू हुआ जिसने कई जिंदगियों को बर्बाद कर दिया। अबिरामी को बिरयानी की दुकान पर काम करने वाले एक युवक से प्यार हो गया।
बिरयानी विक्रेता से प्रेम संबंध
मीनाची सुंदरम नाम का युवक बिरयानी की दुकान पर काम करता था। वह अक्सर अबिरामी के घर बिरयानी पहुँचाने आता था। शुरुआत में ये मुलाकातें केवल खाने तक सीमित थीं, लेकिन धीरे-धीरे उनकी बातचीत बढ़ने लगी। दोनों के बीच दोस्ती हुई और यह दोस्ती प्यार में बदल गई। अबिरामी को सुंदरम की बातें भाने लगीं, जबकि सुंदरम को अबिरामी का साथ पसंद आने लगा। लेकिन अबिरामी ने यह भूल गई कि वह शादीशुदा है और उसके दो बच्चे भी हैं। उसे लगा कि उसके पति और बच्चे इस नए रिश्ते में बाधा डाल रहे हैं।
पति को पत्नी के अफेयर की जानकारी मिली
जल्द ही विजय को अपनी पत्नी के अफेयर की भनक लग गई। उसने अबिरामी को सुंदरम से मिलने से मना कर दिया। दोनों परिवारों ने भी उसे इस रिश्ते को खत्म करने की सलाह दी। लेकिन अबिरामी और सुंदरम का प्यार इस स्तर पर पहुँच गया था कि वे किसी भी रुकावट को सहन नहीं कर सकते थे। फिर उन्होंने एक ऐसा निर्णय लिया जिसे सुनकर किसी की भी रूह काँप जाए। उन्होंने विजय और दोनों बच्चों को खत्म करने का निर्णय लिया।
बच्चों के दूध में नींद की गोलियाँ मिलाई गईं
सितंबर 2018 की एक रात, सुंदरम ने नींद की गोलियाँ खरीदीं। योजना थी कि पहले बच्चों को और फिर विजय को नींद की गोलियों का ओवरडोज देकर मार दिया जाए। अबिरामी ने अपने बच्चों के दूध में नींद की गोलियाँ मिला दीं। उसकी चार साल की बेटी दूध पीकर हमेशा के लिए सो गई। लेकिन सात साल का बेटा अजय और विजय बच गए। अगली सुबह विजय अपने ऑफिस चला गया, लेकिन अजय नींद की गोलियों के प्रभाव में था। अबिरामी का दिल फिर भी नहीं पिघला। उसने अपने बेटे का चेहरा तकिये से तब तक दबाए रखा जब तक उसकी साँसें बंद नहीं हो गईं। एक माँ, जिसने अपने बच्चों को जन्म दिया, ने उनकी जान ले ली।
विजय की घर वापसी और पुलिस की कार्रवाई
उस दिन विजय ऑफिस से लौटने में देर कर रहा था। अबिरामी और सुंदरम ने उसे जिंदा छोड़कर कन्याकुमारी भाग जाने का निर्णय लिया। अगले दिन जब विजय घर लौटा, तो उसे अपने दोनों बच्चों के शव मिले। उसने तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने जांच शुरू की और जल्द ही अबिरामी और सुंदरम को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान, दोनों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया।
अबिरामी और सुंदरम को मिली सजा
कांचीपुरम के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय में 24 जुलाई 2025 को इस मामले की सुनवाई हुई। अबिरामी और सुंदरम ने जेल में बिताए गए समय को देखते हुए अदालत से अपनी सजा कम करने की गुहार लगाई। लेकिन न्यायाधीश बीजू चेम्मल ने स्पष्ट कहा, 'इतने जघन्य अपराध के लिए आजीवन कारावास भी कम है।' अदालत ने दोनों को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई।