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टेढ़े दांतों के लिए नया समाधान: क्लियर अलाइनर तकनीक

दांतों की सुंदरता और स्वास्थ्य के लिए क्लियर अलाइनर एक नई तकनीक है। यह ट्रांसपरेंट होते हैं और दांतों में लगाने पर दिखाई नहीं देते। इनका उपयोग करने से मरीज को बार-बार डेंटिस्ट के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ती। जानें इस तकनीक के फायदे और इसके उपयोग की प्रक्रिया के बारे में।
 

दांतों की सुंदरता और स्वास्थ्य

दांत न केवल भोजन को चबाने में मदद करते हैं, बल्कि चेहरे की सुंदरता को भी बढ़ाते हैं। हालांकि, कई लोगों के दांत टेढ़े-मेढ़े होते हैं, जिससे उन्हें ब्रश करने में कठिनाई होती है। ऐसे में, कई लोग अपने दांतों को सीधा करने के लिए धातु के ब्रेसेस का सहारा लेते हैं।


क्लियर अलाइनर का नया विकल्प


हालांकि, ये ब्रेसेस दूर से दिखाई दे सकते हैं। लेकिन अब क्लियर अलाइनर जैसी नई तकनीक उपलब्ध है। ये ट्रांसपरेंट होते हैं और दांतों में लगाने पर नजर नहीं आते। इसके अलावा, इन्हें हर 15 दिन में बदला जा सकता है, जिससे बार-बार डेंटिस्ट के पास जाने की आवश्यकता नहीं होती।


क्लियर अलाइनर की विशेषताएँ

पहले, धातु के ब्रेसेस का उपयोग किया जाता था, जो आसानी से देखे जा सकते थे। इसके बाद, दांतों के रंग के ब्रेसेस का चलन शुरू हुआ। अब, नई तकनीक के तहत क्लियर अलाइनर का उपयोग किया जा रहा है। ये प्लेटें मरीज की समस्या के अनुसार बनाई जाती हैं।


यदि दांतों में कम समस्या है, तो 7 से 8 प्लेटें बनाई जाती हैं, जबकि अधिक समस्या होने पर 40 प्लेटें भी बनाई जा सकती हैं। ये प्लेटें 15 दिन में बदली जा सकती हैं और इस उपचार में 5 से 18 महीने का समय लग सकता है। यह तकनीक सभी उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है।