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मिग-21 की विदाई: भारतीय वायुसेना का गौरव और भविष्य की ओर कदम

भारतीय वायुसेना के मिग-21 लड़ाकू विमानों को आज औपचारिक विदाई दी जाएगी। चंडीगढ़ एयरबेस पर आयोजित इस समारोह में वायुसेना प्रमुख खुद मिग-21 उड़ाएंगे। समारोह में 1965 और 1971 के युद्ध के क्षणों को पुनः जीवित किया जाएगा। मिग-21 का इतिहास भारतीय वायुसेना की वीरता से भरा हुआ है, जिसने कई महत्वपूर्ण युद्धों में अहम भूमिका निभाई। इस विमान को 'फाइटर विमानों का AK-47' कहा जाता है। जानें इस ऐतिहासिक विदाई समारोह के बारे में और भी खास बातें।
 

मिग-21 का ऐतिहासिक विदाई समारोह

 

Mig 21 farewell: भारतीय वायुसेना के मिग-21 लड़ाकू विमानों को आज, 26 सितंबर को औपचारिक रूप से विदाई दी जाएगी। चंडीगढ़ एयरबेस पर इस विशेष कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। बुधवार को आयोजित फुल ड्रेस रिहर्सल में मिग-21 के साथ जगुआर और सूर्य किरण एयरोबेटिक टीम ने शानदार फ्लाईपास्ट किया। इसके अलावा, आकाश गंगा स्काई डाइवर्स ने चार हजार फीट की ऊंचाई से कूदकर समारोह को और भी खास बना दिया।

 

 

वायुसेना प्रमुख की उड़ान

 

वायुसेना प्रमुख खुद उड़ाएंगे मिग-21

इस विदाई समारोह की एक विशेषता यह है कि वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह मिग-21 के कॉकपिट में बैठकर उड़ान भरेंगे। स्क्वॉड्रन लीडर प्रिया शर्मा इस अंतिम उड़ान का नेतृत्व करेंगी। समारोह में 1965 और 1971 के युद्ध के महत्वपूर्ण क्षणों को पुनः जीवित किया जाएगा। 23वीं स्क्वॉड्रन 'पैंथर्स' विक्ट्री फॉर्मेशन में उड़ान भरेगी। इस अवसर पर स्वदेशी तेजस विमान भी शामिल होगा, जो यह दर्शाएगा कि मिग-21 की जगह अब तेजस ने ले ली है।

 

 

वॉटर कैनन सैल्यूट से विदाई

वॉटर कैनन सैल्यूट से विदाई

समारोह के दौरान छह मिग-21 विमान मंच के सामने उतरेंगे और स्विच ऑफ करेंगे। इसके बाद कोबरा और पैंथर्स स्क्वॉड्रन आधिकारिक रूप से रिटायर हो जाएंगे। परंपरा के अनुसार, विमानों को वॉटर कैनन सैल्यूट देकर सम्मानित किया जाएगा। इस ऐतिहासिक अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी उपस्थित रहेंगे।

 

मिग-21 का गौरवशाली इतिहास

मिग-21 का गौरवशाली इतिहास

मिग-21 का इतिहास भारतीय वायुसेना की वीरता से जुड़ा हुआ है। 1965 और 1971 के युद्धों में इसने पाकिस्तान के खिलाफ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 1971 में, मिग-21 ने ढाका गवर्नर हाउस पर हमला कर दुश्मन का मनोबल तोड़ दिया। करगिल युद्ध और 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक में भी इसकी भूमिका महत्वपूर्ण रही। विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान ने इसी विमान से पाकिस्तानी F-16 को मार गिराया था।

 

पूर्व पायलटों की भावनाएं

पूर्व पायलटों की भावुकता

पूर्व पायलटों का मानना है कि मिग-21 की गति और ऊंचाई पर तेजी से पहुंचने की क्षमता अद्वितीय थी। इसने 1971 में पूर्वी पाकिस्तान के सभी एयरफील्ड को नष्ट कर दिया था। कई वेटरन्स का कहना है कि मिग को 'फ्लाइंग कॉफिन' कहना गलत है, क्योंकि इसकी दुर्घटनाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। वास्तव में, यह सबसे अधिक स्क्वॉड्रन ऑपरेशन में तैनात था।

 

फाइटर जेट्स का AK-47

फाइटर जेट्स का AK-47

मिग-21 को दुनिया भर के 60 देशों ने उपयोग किया। इसे फाइटर विमानों का AK-47 कहा जाता है, क्योंकि यह विश्वसनीय, सस्ता और टिकाऊ था। इस विमान ने भारतीय वायुसेना को मजबूती प्रदान की और कई वर्षों तक राष्ट्रीय सुरक्षा की ढाल बना रहा।

 

फ्लाइंग कॉफिन कहना अन्याय

फ्लाइंग कॉफिन कहना अन्याय

वायुसेना के कई विशेषज्ञ मानते हैं कि मिग-21 को फ्लाइंग कॉफिन कहना एक बड़ा अन्याय है, क्योंकि एक समय वायुसेना की आधी स्क्वॉड्रन मिग उड़ाती थीं। अधिक उड़ानें होने के कारण इसकी दुर्घटनाएं बढ़ा-चढ़ाकर पेश की जाती थीं, जबकि मिग-21 का रिकॉर्ड किसी अन्य एयरक्राफ्ट जितना ही अच्छा था। इसने वियतनाम युद्ध में अमेरिकी एयरक्राफ्ट एफ-4 फैंटम को मात दी थी, जबकि इसकी कीमत उससे बीस गुना कम थी।

 

लड़ाकू विमानों का 'AK-47'

लड़ाकू विमानों का 'AK-47'

मिग-21 विमान को कुल 60 देशों ने खरीदकर इस्तेमाल किया है। इससे अधिक सुपरसोनिक विमान किसी देश ने नहीं बनाए। कुछ लोग मिग-21 को फाइटर विमानों का AK-47 मानते हैं, क्योंकि यह सरल, विश्वसनीय और किफायती रहा है। मिग-21 केवल एक लड़ाकू विमान नहीं, बल्कि वायुसेना की पहचान, साहस और जुझारूपन का प्रतीक रहा है। इसकी गूंज आने वाले दशकों तक उस आसमान में सुनी जाएगी, जहां भारतीय पायलटों ने अपने सपनों को उड़ान दी है.