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‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ की शुरुआत,  6,828 प्रतिभागियों का हुआ परीक्षण

 


नई दिल्ली, 26 नवंबर (हि.स.)। आयुष मंत्रालय का स्वास्थ्य जागरूकता अभियान ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ मंगलवार को शुरू हो गया। इस अभियान के पहले दिन 6,828 लोगों का प्रकृति परीक्षण किया गया। इस अवसर पर आयुष मंडप में मीडिया से केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने इस पहल के बढ़ते प्रभाव पर अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा कि इस अभियान को उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिल रही है। यह हमारे दैनिक जीवन में आयुर्वेद के प्रति बढ़ती जागरूकता और स्वीकृति का प्रमाण है। प्रकृति परीक्षण में भाग लेने वाला और व्यक्तिगत स्वास्थ्य दृष्टिकोण अपनाने वाला प्रत्येक व्यक्ति स्वस्थ भारत के निर्माण में योगदान दे रहा है।

उन्होंने कहा कि ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ का उद्देश्य नागरिकों को उनकी प्रकृति के आधार पर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी प्रदान करना है, जिससे बीमारियों की रोकथाम हो सके और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा मिले। अभियान का उद्देश्य कई गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ना भी है, जिसमें प्रकृति प्रमाणपत्रों का सबसे बड़ा ऑनलाइन फोटो एलबम और स्वास्थ्य अभियान के लिए सबसे अधिक प्रतिज्ञाएं शामिल हैं, जो इसके प्रभाव को और बढ़ाएंगे।

इस अभियान के तहत 10,737 स्वयंसेवक देश भर में इसके आउटरीच प्रयासों को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि देश का प्रकृति अभियान का उद्देश्य देश के सभी व्यक्तियों को उनकी अद्वितीय आयुर्वेदिक प्रकृति (मन-शरीर की संरचना) को समझने में सक्षम बनाना है। इस अभियान के तहत एक करोड़ से अधिक परिवारों का परीक्षण करने का लक्ष्य रखा गया है। 25 दिसंबर को इस अभियान का पहला चरण पूरा होगा। साढ़े चार लाख से अधिक वॉलंटियर के माध्यम से यह अभियान चलाया जाएगा। मंत्रालय ने इसके लिए एक एप भी बनाया है, जिसे डाउनलोड कर लोग अपने शरीर की प्रकृति को जान सकेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी