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DGCA की बैठक के बाद एअर इंडिया की उड़ानों में तकनीकी जांच का आदेश

अहमदाबाद में हुई विमान दुर्घटना के बाद, DGCA ने एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में तकनीकी खराबियों पर चर्चा की गई और दोनों कंपनियों से रिपोर्ट मांगी गई। एअर इंडिया ने 34 विमानों में से 28 की जांच पूरी कर ली है। DGCA ने पायलट और डिस्पैचर के रिकॉर्ड की भी मांग की है। इस घटना के बाद एअर इंडिया ने 66 उड़ानें रद्द की हैं।
 

DGCA की बैठक के बाद उठे सवाल

अहमदाबाद में हुए विमान दुर्घटना के बाद, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने मंगलवार को एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में DGCA ने दोनों एयरलाइनों से विमानों में आ रही तकनीकी समस्याओं पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। अधिकारियों को यह स्पष्ट किया गया कि उड़ान से पहले विमानों की तकनीकी जांच को सही तरीके से किया जाए।


दैनिक उड़ानों की संख्या

1000 से अधिक उड़ानें रोजाना


DGCA के अनुसार, एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस मिलकर रोजाना 1000 से अधिक उड़ानें संचालित करती हैं। इन उड़ानों के दौरान विमानों की तकनीकी जांच की जाती है। हाल ही में अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद, दोनों कंपनियों के विमानों में तकनीकी खराबी की समस्या बढ़ गई है। DGCA ने अधिकारियों से कहा कि इस समस्या पर विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द तैयार की जाए।


एअर इंडिया की विमानों की स्थिति

एअर इंडिया के विमानों की जांच


एअर इंडिया ने DGCA को सूचित किया कि कुल 34 विमानों में से 28 विमानों की तकनीकी जांच पूरी हो चुकी है। बाकी विमानों की जांच भी जल्द ही पूरी कर ली जाएगी, जिसके बाद विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।


पायलट और डिस्पैचर की जांच

पायलट और डिस्पैचर का रिकॉर्ड


DGCA ने दोनों एयरलाइनों से पायलट और डिस्पैचर के रिकॉर्ड की भी मांग की है। उन्होंने यह भी पूछा कि पायलट और डिस्पैचर की नियुक्ति प्रक्रिया क्या है और उन्हें क्या सुविधाएं दी जाती हैं। एयरलाइनों ने आश्वासन दिया है कि इस पर भी जल्द ही रिपोर्ट तैयार की जाएगी।


DGCA का बड़ा बयान

एअर इंडिया की उड़ानों पर DGCA का बयान


DGCA ने एक बयान में कहा कि अहमदाबाद विमान दुर्घटना के बाद एअर इंडिया ने बोइंग 787 की 66 उड़ानों को रद्द कर दिया है। अब तक की जांच में कंपनी के विमानों में सुरक्षा से संबंधित कोई लापरवाही नहीं पाई गई है। सभी विमानों और उनके उपकरणों को सुरक्षा के लिहाज से सही पाया गया है।